*आवारा कुत्तों का शिकार हो रहे वन्य जीव,वन विभाग नही गंभीर*

*आवारा कुत्तों का शिकार हो रहे वन्य जीव,वन विभाग नही गंभीर*

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पथरिया । विकास खण्ड के बगुड़वा , कंचनपुर , बरदुली क्षेत्रों  निवास करने वाले सैकड़ो हिरण , बारहसिंघा , जंगली सुवर , कोटमी , के ऊपर कुत्तों का आतंक शुरु हो चुका है यह प्रतिवर्ष  जून से शुरू होकर अगस्त के महीने तक चलता है लेकिन हर बार वन विभाग बहाने बाजी करके पल्ला झाड़ लेता है इस बीच।अनेकों वन्य जीव की जान चली जाती है । बता दे कि पिछले 15 वर्षों से ग्राम पंचायत बगबुढ़वा, पूछेली, कंचनपुर, बदुरली,जेवरा, के इन सभी ग्राम पंचायतों में बरसात लगते ही कम से कम 3 माह तक कुत्तों के द्वारा हिरणों का शिकार किया जाता है शासन-प्रशासन को कई दफ़े इस विषय में लिखित एवं मौखिक रूप से अवगत कराया गया लेकिन प्रशासन एवं शासन के द्वारा इस तरफ कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है इन सभी ग्राम पंचायत के लोगों के द्वारा इन हीरनों की सुरक्षा की जाती है तभी तो आज से लगभग पिछले 25, वर्षों से यह इलाका हिरणों के लिए एक सुरक्षित स्थान बना हुआ था जो आज लावारिस कुत्तों के आतंक से इनकी संख्या में गिरावट आ रही  है अगर यही हाल रहा तो आने वाले वर्षों में इनकी संख्या इनकी प्रजाति विलुप्त होनें की आशंका है तथा शासन एवं प्रशासन से विनम्र निवेदन है कि इस तरफ तत्काल अपना ध्यान आकर्षित करें और इन लावारिस कुत्तों के लिए कुछ ठोस व्यवस्था करें जिससे हीरनों की सुरक्षा हो सके उपरोक्त सभी ग्राम पंचायतों के किसानों के द्वारा हिरणों के लिए अपने काश्तकारी उपजाऊ जमीनें छोड़ रखे हैं ताके इन्हें उस जमीन पर चलने फिरने के लिए जगह रहने के लिए स्थान मिल सके आज सैकड़ों एकड़ जमीनें किसानों के द्वारा हीरनों के लिए ऐसे ही खाली छोड़ा गया है जो इस बात को साबित करता है जो इन हिरणों के प्रति किसानों के लगाव एवं प्यार को दर्शाता है सभी क्षेत्रवासी चाहते हैं के यहां एक ,डियर पार्क, बनना चाहिए जिस्से इन ग्राम पंचायतों के लोगों को एक रोजगार उपलब्ध हो सके  किसानों को उनकी जमीन का सहीं मुआवजा शासन प्रशासन से मिल सके आज सभी किसान किरणों के विस्तार सुरक्षीत रखने के लिए अपनी जमीनें देने को भी तैयार है साशन प्रसाशन से विनम्र निवेदन है कि इस विषय में तत्काल कोई सही निर्णय लिया जाये जिससे इस क्षेत्र में रहनें वाले हिरणों के विस्तार के लिए हसीं हो सांथ ही सांथ किसानों के द्वारा खाली छोड़ी गई जमीनों का सरकार के द्वारा उचित मुआवजा दे कर संरक्षित किया जाए।