चीन में मस्जिद खत्म होने पर भड़के पाकिस्तानी, बोले-भारत में होता तो सिर पर आसमान उठा लेते

चीन में मस्जिद खत्म होने पर भड़के पाकिस्तानी, बोले-भारत में होता तो सिर पर आसमान उठा लेते

विदेश। चीन की जिनपिंग सरकार ने एक भी मस्जिद को नहीं छोड़ा है, जो अरबी शैली में बनी हो. एक आखिरी बड़ी मस्जिद थी तो उसकी इमारत में भी कई बदलाव कर दिए. मस्जिद के गुंबद और मीनारों को भी बदल दिया गया. ये  अब अरबी शैली के बजाय चीनी अंदाज में दिख रही है. चीन में इसी तरह कई मस्जिद के गुंबद और मीनारें हटाई गई हैं. अब सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन में एक भी मस्जिद नहीं बची है. चीन में ये सभी बदलाव 2018 में आई 'इस्लाम के चीनीकरण' की योजना के तहत किए गए हैं. इसको लेकर पाकिस्तान की यूट्यूबर सना ने आम लोगों से बात की तो पाकिस्तानी लोगों ने चीन को जमकर लताड़ा.

भारत में होता तो आसमान सिर पर उठा लेते'
यूट्यूबर के सवाल पर पाकिस्तानी नागरिक गजनफर ने कहा कि चीन में ऐसा हुआ है, लेकिन मुझे इसकी ठीक से जानकारी नहीं है, क्योंकि खबरों में ये कहीं दिखा ही नहीं है. अगर ये भारत या दुनिया के किसी और हिस्से में हुआ होता तो पाकिस्तानी लोग आसमान सिर पर उठा लेते. धर्म के जिम्मेदार बनने वाले मुल्ला चीख चीखकर गले बैठा लेते, लेकिन ये सभी चीन के मामले में चुप हैं, इसकी भी बड़ी वजह यह है कि चीन के साथ पाकिस्तान के रिश्ते बहुत खास हैं. पाकिस्तान के लिए चीन बड़ा सहारा बना हुआ है, इसलिए कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है.

भारत नहीं, चीन है मुसलमानो का असली दुश्मन
पंजाब यूनिवर्सिटी से मेडिकल की पढ़ाई कर रहे सरदार अहमद ने कहा, चीन के चंदे पर पल रहा पाकिस्तानी माीडिया कैसे इस खबर को दिखाएगा, वो तो चुप ही रहेगा. सरदार सरदार कहा कि चीन को हम मुसलमानो का असली दुश्मन कह सकते हैं. मैं कहता हूं कि पाकिस्तान का दुश्मन भारत नहीं है. भारत से पाकिस्तान को कोई खतरा नहीं है, पाकिस्तान को असली खतरा चीन से है. इंजीनियर ओसामा ने भी चीन के प्रति गुस्सा जाहिर किया. उन्होंने कहा, चीनियों के लिए ये नई बात नहीं हैं, वहां सबको एक जैसा करने की कोशिश रही है. चीनी सरकार की पॉलिसी ऐसी है कि वो खबरें बाहर ही नहीं आने देते.राशिद ने भी भारत को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि भारत के खिलाफ बेवजह का माहौल बनाया जाता है, इससे क्या फायदा है. भारत के साथ हमें रिश्ते से फायदा है, लेकिन हमें चीन से करीबी रखनी है. चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है.