सत्ता से दूर होता भाजपा कार्यकर्ता…..अपने काम के लिए भटकने को मजबूर…..पुराने चेहरे पर ही चलती सरकार…..
अब भाजपा के कार्यकर्ता भी कहने लगे हैं कि मंत्रियों का भाव बढ़ गया है। आज का माहौल देखकर अब ऐसा लगने लगा है कि आज भी कांग्रेस की ही सरकार है।कांग्रेसियों का काम हो रहा है।पूरे राज्य में कानून व्यवस्था बेहाल है, नौकरशाही भी बेलगाम नजर आ रही है।
सुशासन की बात करने वाले ही कुशासन करने वाले अफसरों की गिरफ्त में आ चूके है।डीएमएफ का खेल फिर से जोरो पर है।मुंगेली जिले में पार्टी के समर्थक सरपंच कलेक्टर कार्यालय के चक्कर काट रहे है।पिछली सरकार से कलेक्टर आज भी इसी जिले में विराजित है।जो साहब को ठीकठाक दवा पानी देता है उसको ही आबंटन दिया जा रहा है।अब बेचारे भाजपा के सरपंच दवा पानी कहा से लाये।जिले के नेताओ का भी यही हाल है।अपने लोगो को देखने का समय नही है।नेता जी के कार्यालय जब भी लोग जाते है तो स्टाफ कहता है साहब दौरे में है।साहब राजधानी में है।अब बेचारे किसके पास जाकर अपना काम करवाये यही समझना उनके लिए कठिन हो गया है।
लगभग सभी विभागों में तबादलों का खेल चरम पर है।इस खेल में खुला लेन-देन खूब चर्चा में है। प्रभारवाद से भ्रष्ट लोगों की ताजपोशी धड़ल्ले से जारी है। नए नवेले मंत्री तीन महीने में अपने विभाग को ही आज तक नही समझे है। समझने की बात कहकर लोगो को घुमाने का काम करने से भी इनको कोई परहेज नही है।मंत्रियों को सुख-सुविधाओं में जीने में मजा आ रहा है।कुछ एक मंत्री अपने यहाँ परमानेंट अपना क्लोन रूपी छोटा मंत्री भी बना दिये है।मंत्री के लगभग सभी काम सत्ता के पुराने एजेंट भी रहे है।क्रेडा, बीज निगम, वन विभाग सहित समाज कल्याण में भी इनका ही बोलबाला है।भूपेश बघेल सरकार में इन्ही एजेंटो की तूती बोला करती थी।आज भी यही लोग अपना खेल बखूबी रूप से खेल रहे है।कई विभागों में नए नाम व नए चेहरे के आड़ में पुराने खिलाड़ी ही खेल करने में लगे हुए है।पार्टी का कर्मठ कार्यकर्ता मंत्री को ढूंढने में लगा हुआ हैं। ओएसडी साहब सीधे मुह बात करना ही नही चाहते है। मंत्री का काम समझ से परे लगने लगा है।अब पार्टी कार्यकर्ता अपने आपको ठगा सा महसूस करने लगा है।
मुख्य सचिव एवं ङीजीपी सहित वन विभाग के मुखिया आज भी वही चेहरे है जो पहले भी थे।भूपेश राज में भाजपा के नेेेता इन पर ही भ्रष्टाचार के आरोप लगाते थे।पर आज भी भूपेश सरकार के अफसर भाजपा की सरकार को संचालित कर रहे हैं।भाजपा की सरकार बनाने में मदद करने वाले अफ़सर किनारे कर दिए गए हैं। पीएससी घोटाला वाले साहब हॉस्पिटल में मजा लेकर समय काट रहे है। प्रदेश में नए खेल भी नजर आने लगे है।सुधार के नाम पर आयोग के ऊपर आयोग बनाने की बात भी लोगो को समझ मे नही आ रही है। भूपेश सरकार के खिलाफ दिल्ली के बड़े नेताओं ने चुनाव में जो आरोप लगाए थे आज सत्ता में आने के बाद उनके ही नेता बदले बदले से नजर आने लगे है।भूपेश बघेल के ऊपर एफआईआर होने के कुछ दिन पहले भाजपा के एक मंत्री के बयान से सभी हैरान हो गए थे।नेता जी कह रहे थे कि किसी के बोलने से आरोप सिध्द नही हो जाता है।पंर नेता जी को जानकारी ही नही थी कि कुछ दिनों के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ऊपर भी eow एफआईआर कर देगा। प्रदेश के भाजपा कार्यकर्ता भी नौकरशाही से त्रस्त नजर आने लगे है।पार्टी कार्यकर्ता छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री को ढूंढने में लगे हुए हैं।आगामी लोकसभा में क्या होगा यह तो आगे ही पता चलेगा।पंर जैसी स्थिति नजर आ रही है उससे तो 11 में 8 सीट भी भाजपा की झोली में आती हुई नही दिख रही है।