धान खरीदी पर गरमाई सियासत: कांग्रेस का 10 दिसम्बर को पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन, कांग्रेस नेताओं ने कहा 15दिन बढ़ाई जाए धान खरीदी की तारीख
रायपुर। राजीव भवन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष धनेन्द्र साहू, पूर्व मंत्री रविन्द्र चौबे, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सत्यनारायण शर्मा ने संयुक्त पत्रकारवार्ता को संबोधित किया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुये कहा कि धान बेचने में किसानों को हो रही परेशानी तथा सरकार के किसान विरोधी रवैये के विरोध में कांग्रेस पार्टी 10 दिसंबर को प्रदेश के सभी ब्लॉकों में धरना प्रदर्शन करेगी। पूरे प्रदेश में कांग्रेस ने धान खरीदी केन्द्र चलो अभियान चलाया। जिसमें हमारे सभी नेता पदाधिकारी धान खरीदी केन्द्रों में गये मैं भी चार सोसायटी गया। पूरे प्रदेश में धान खरीदी केन्द्रों में अव्यवस्था किसान परेशान है। सरकार की कोशिश है कम से कम धान खरीदी की जाये। सोसायटियों में हमारे नेताओं ने देखा कि बारदाने की कमी है, जिससे किसानों को धान बेचने में परेशान होना पड़ रहा। सरकार ने कहा है कि 50 प्रतिशत नये, 50 प्रतिशत पुराने बारदानों का उपयोग किया जाये। 50 प्रतिशत पुराने बारदाने समितियों में पहुंचे ही नहीं है, जिसके कारण धान खरीदी बाधित हो रही है। पुराने बारदाने फटे हुये है जिसमें धान भरा ही नहीं जा सकता, किसानों से कहा जा रहा 50 प्रतिशत बारदानो की व्यवस्था स्वंय करो उसका भुगतान किया जायेगा, लेकिन किसानो के बारदाने का पैसा भी नहीं मिल रहा। टोकन की व्यवस्था अव्यवहारिक है, जिससे किसानों को परेशान होना पड़ रहा, नंबर ही नहीं आ रहा। टोकन कटने की तारीख से 7 से 10 दिन बाद धान बेचने के लिये किसानों को बुलाया जा रहा है। 15 दिन बाद तक का भी टोकन नहीं मिल रहा। इलेक्ट्रॉनिक कांटा में जो तौलाई हो रहा है उसमें 1.5 किलोग्राम से 2.5 किलोग्राम अधिक तौला जा रहा है। सोसायटियों में धान का उठाव नहीं होने के कारण जगह की कमी है। धान के बोरे जाम है। जगह का अभाव हो गया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि अनावरी रिपोर्ट कम बनाई गयी है तथा खरीदी भी 21 क्विंटल के हिसाब से नहीं हो रही है। किसानों से पूरा धान नहीं खरीदा जा रहा है। अनावरी रिपोर्ट गलत बनाया जा रहा जिसके आधार पर मात्र 9 से 12-14 क्विंटल धान खरीदा जा रहा। किसानो से पूरा 21 क्विंटल धान नहीं खरीदा जा रहा है। बड़े किसान अपनी बारी का इंतजार कर रहे उनकी बारी ही नहीं आ रही है। सरकार ने यह घोषणा किया है कि 72 घंटे में किसानों के खाते में पैसा आयेगा, लेकिन जो लोग धान बेच चुके है, उनके खाते के रकम हफ्तो तक नहीं आया है, जो रकम आ रहा है वह एक मुश्त 3100 नहीं है। सिर्फ 2300 रू. प्रति क्विंटल ही आ रहा है। (जो समर्थन मूल्य है उतना) भाजपा ने 3100 रू. एक मुश्त देने का वादा किया था।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि हमारी मांग है धान की कीमत का भुगतान 3217 रू. में करें क्योंकि 3100 रू. भाजपा ने अपने चुनावी वायदे में कहा था। इस वर्ष केन्द्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 117 रू. बढ़ा दिया है। इस कारण इस वर्ष धान की खरीदी 3100 रू. से बढ़ाकर 3217 रू. किया जाये। कांग्रेस के समय भी कांग्रेस ने धान का समर्थन मूल्य 2500 देने का वादा किया था, लेकिन समर्थन मूल्य बढ़ने पर कांग्रेस ने 2640 रू. में धान खरीदी किया था।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि बीज उत्पादक किसानों से सोसायटी में धान नहीं खरीदा जा रहा। सोसायटी में सूचना चस्पा किया गया है कि बीज उत्पादक किसानों का धान नहीं लिया जायेगा। सोसायटी से धान संग्रहण केंद्रों में भेजा जा रहा है जबकि यह सीधे मिलरों के पास जाना चाहिये। इस कारण सोसायटी में संग्रहण केंद्रों के बीच परिवहन की लागत अतिरिक्त आ रही है। लेवर चार्ज बढ़ गया इसमें भ्रष्टाचार किया जा रहा है। पिछले वर्ष का सुखत का पैसा सोसायटियों को अभी तक नहीं दिया गया।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धनेन्द्र साहू ने कहा कि धान खरीदी में टोकन की व्यवस्था पर कांग्रेस पार्टी ने लगातार आवाज उठाने के बाद सरकार ने 60-40 प्रतिशत आदेश दिया है। ऐप में देखा कि 15 जनवरी तक टोकन 60 प्रतिशत तक भरा हुआ है जबकि 31 जनवरी आखिरी तारीख है। बड़े किसान और मध्यम किसान धान नहीं बेच पाये है। ऑफलाइन में भ्रष्टाचार होते है इसको कम करने के लिये हमारी कांग्रेस की सरकार ने बंद किया था। प्रतिदिन धान खरीदी की लिमिट बढ़ाई जाये। टोकन व्यवस्था को ठीक किया जाये। धान खरीदी की तारीख 15 दिन बढ़ायी जाये, तब सभी किसान धान बेच पायेंगे।
पूर्व मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि सबसे पहले प्रदेश अध्यक्ष को बधाई देता हूं कि कांग्रेस नेताओं को धान खरीदी केंद्रों में जाकर वहां की व्यवस्था तथा किसान की समस्या से अवगत हो सके। अभी 23-24 दिन धान खरीदी शुरू हुआ है। सरकार की सांसे क्यों फूलने लगी है? 160 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा है और 40 लाख करोड़ की राशि किसानों देने है। मीडिया और अखबारों से पता चला है कि 1 तिहाई निकल गया है और 6600 करोड़ का धान खरीदी हुआ है। इसी गति से धान खरीदी होती रही तो 160 लाख मीट्रिक टन कैसे खरीदेगी, सबसे बड़ा प्रश्न चिन्ह है? कांग्रेस पार्टी इससे चिंतित है। हमारी कांग्रेस की सरकार ने 135 लाख मीट्रिक टन खरीदी किया था। कांग्रेस की सरकार ने अपने दम पर सारी व्यवस्था की थी। साय सरकार में 20 दिन में बारदाना की पूर्ति नहीं कर पा रही है। टोकन नहीं दे पा रहे है। धान उठाव नहीं हो पा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक मशीन में परेशानी आ रही है। प्रायमरी सोसायटी में लिमिट या ज्यादा धान आता है तो तौल कांटा बढ़ाते नहीं है। खरीदी का लिमिट तय कर दिया है। धान खरीदी का लक्ष्य कैसे पूरा करेंगे? राइस मिलर्स से बारदाने के समझौते के बाद शुरू हुआ। साय सरकार ने अपने घोषणा पत्र में ग्राम पंचायत में एकमुश्त भुगतान करने की मोदी की गारंटी कहा था। सरकार की तरफ से पहले से जानकारी आना था लेकिन अभी तक नहीं आया है। कांग्रेस की सरकार ने पहले से ही अतिरिक्त राशि देने का तय किया तो राजीव गांधी न्याय योजना के माध्यम से किसानों को देने की दिन और तारीख तय कर लिया जाता था। उसी दिन उसी तारीख पर किसानों को अतिरिक्त राशि मिल जाती थी। साय सरकार को धान खरीदी अव्यवस्था को सुधारा जाना चाहिये। 20 दिन में सरकार थक गई है।
आज इस पत्रकारवार्ता में सुशील आनंद शुक्ला, अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी, पंकज शर्मा, प्रदेश कांग्रेस वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा, युवा कांग्रेस अध्यक्ष आकाश शर्मा, अशोक राज आहूजा उपस्थित थे।
ब्यूरो रिपोर्ट