*दीपचंद्र और माता हरणी के नाम से जाना जाता है, उसी के वंशज देवांगन जाति- संतोष राव* *माता की भक्ति में डूबे देवांगन समाज
मुंगेली । जिले में देवांगन समाज द्वारा सात दिवसीय माता परमेश्वरी महोत्सव भट्टबाड़ा में धूमधाम से मनाया जा रहा है। जिसमें कथावाचक संतोष राव खरोरा वाले द्वारा संगीतमय के साथ किया जा रहा है। कथावाचक संतोष राव ने अपने कथा में बताया कि माता परमेश्वरी के वंशज दीपचंद्र और माता हरणी के नाम से जाना जाता है, उसी के वंशज देवांगन जाति कहलाते है। उन्होने बताया कि दीपचंद को वस्त्र बनाने के लिए प्रगट किये थे, उस समय कमल के नाल से धागा निकाल कर वस्त्र बुनते थे। दीपचंद देवांगन मांगा बिनते वक्त माता परमेश्वरी का नाम का अनुसरण किया तब से उनके वंशज समस्त देवांगन अपनी इष्ट देवी माता परमेश्वरी का गुणगान करते आ रहे है। माता परमेश्वरी त्रेता रूप में रात माय के रूप में अपने देवांगन पुत्र को दर्शन भी दिया, जिसे माता को रात माई कन्हाई के नाम से जाना जाता है। कली काल में माता तीन रूप में कमलावती, इंद्रावती और अंगारमोती के रूप में विराजमान है , जिसके नाम से देवांगन जाति के लोग जल भरण का कार्य करते है, जिसे पीढ़ी पुजाई भी कहते है।उल्लेखनीय है कि कथावाचक संतोष राव सन् 1968 में कथा का शुरुआत भाटापारा सिंगारपुर के ग्राम लेवाई से किया था। जिसमें संगीतमय जयप्रकाश वर्मा, गोविंद साहू, सोनू धीवर, दिनेश साहू ने देवी भजनों एवं गीतों की प्रस्तुती से समां बाधां है। माता के गीतों से गूंज रहा है जिसे देवांगन समाज के लोग काफी खुश और प्रसन्न के साथ माता की भक्ति में डूबे हुए है। वहीं दोपहर में महिलाओं की टोली द्वारा भजन कीर्तन कर माता की सेवा कर रही है। माता परमेश्वरी महोत्सव की लाईव विडियो यश स्टेडियों एवं कोमल देवांगन मुंगेलिहा यूट्यूब चैनल के माध्यम से भी समाज के लोग जुड़कर कथा का लाभ ले रहे है। इस अवसर पर माता परमेश्वरी सेवा समिति से गायत्री आनंद देवांगन, सुनीता देवांगन, ममता, लक्ष्मीन, मोनिका, चंद्रिका, संतोषी, सुमन, विद्या, शकुन, चंदा, कालिंद्री तथा देवी शक्ति ग्रुप से मनीषा, मेघा, रिषिका, द्वय रिया, माही, वर्षा, अंजली, पायल, अनामिका, मुस्कान, द्वय काजल, दिशा, प्राची, द्वय खुशी, खुशबू, प्रियंका, सियावादी, रघनी, रंजीता, ज्योति, योगिता, नीलू सोनम, खुशी, मीठी माता की सेवा कर रही है।