*पूर्व मंत्री एवं मस्तूरी विधायक कृष्णमूर्ति बांधी और बेलतरा विधायक रजनीश सिंह की भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता,कहा कांग्रेस शासन में किसानों का हो रहा अपमान

*पूर्व मंत्री एवं मस्तूरी विधायक कृष्णमूर्ति बांधी और बेलतरा विधायक रजनीश सिंह की भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता,कहा कांग्रेस शासन में किसानों का हो रहा अपमान


बिलासपुर। प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी 27 जुलाई को एक और ऐतिहासिक योजना ‘पीएम प्रणाम’ की शुरुआत करने वाले हैं। रासायनिक उर्वरकों की जगह वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करने की प्रधानमंत्री की कोशिश है। इस योजना से खेती की लागत मूल्य कम होने से किसानों को फायदा होगा। वहीं कांग्रेस की शासन में प्रदेश के किसानों का अपमान हो रहा है।
भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में भाजपा विधायक कृष्णमूर्ति बांधी  और रजनीश सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 जुलाई  को राजस्थान के सीकर में एक विशाल जनसभा को संबोधित करने के साथ ही किसानों के खाते में पीएम किसान सम्मान निधि योजना  के तहत  करीब 20 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर करेंगे। इस मौके पर ‘पीएम प्रणाम योजना’ की शुरुआत भी करेंगे।
भाजपा विधायकद्वय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 40 लाख से अधिक पंजीकृत किसान हैं। इनमें से लगभाग 21 लाख किसानों को ही सम्मान निधि का लाभ मिल पा रहा है। कांग्रेस शासन की लापरवाही और दुराग्रह के कारण 20 लाख से अधिक किसान यहां सम्मान निधि से वंचित हैं। यह किसानों का अपमान है। 
कांग्रेस सरकार की यह ज़िम्मेदारी है कि वह केवायसी आदि की कारवाही पूर्ण कर आँकड़े दिल्ली भेजे, लेकिन जान-बूझ कर इस काम में भूपेश सरकार लापरवाही कर रही है ताकि प्रदेश के किसानों को केंद्र की योजना का लाभ नहीं पहुँचे। 
न केवल सम्मान निधि में बल्कि किसान बीमा योजना में राज्यांश बचाने कांग्रेस सरकार किसानों के साथ मज़ाक़ कर रही है। अभी तक फसल बीम की अधिसूचना भी जारी नहीं की है। जिस तरह पीएम आवास योजना में 16 परिवारों का आवास बनना रोक दिया है। 
उन्होंने कहा कि नैनो खाद की इस योजना का उद्देश्य
जैव उर्वरकों और जैविक उर्वरकों के संयोजन के साथ उर्वरकों के संतुलित उपयोग को प्रोत्साहित करना है। 
रासायनिक उर्वरकों पर सब्सिडी के बोझ को कम करना, जो 2022-23 में 2.25 लाख करोड़ रुपए तक पहुँचने का अनुमान है। वर्ष 2021 के 1.62 लाख करोड़ रुपए के आँकड़े से 39% अधिक है। केंद्र सरकार ने उर्वरक सब्सिडी के लिए 3.68 लाख करोड़ का पैकेज घोषित किया है। जो राज्य सरकार अधिकाधिक वैकल्पिक खाद के प्रयोग को बढ़ावा देकर रासायनिक खाद का प्रयोग काम करेगी उसे बची हुई सब्सिडी की राशि दे दी जाएगी। इससे अधिक से अधिक जैविक खाद को प्रोत्साहन मिलेगा। 
सब्सिडी बचत का 50% उस राज्य को अनुदान के रूप में दिया जाएगा जो पैसा बचाता है। योजना के तहत प्रदान किये गए अनुदान का 70 फीसद गाँव, ब्लॉक और ज़िला स्तर पर वैकल्पिक उर्वरकों और वैकल्पिक उर्वरक उत्पादन इकाइयों के तकनीकी अपनाने से संबंधित परिसंपत्ति सृजन के लिये उपयोग किया जा सकता है।
शेष 30% अनुदान राशि का उपयोग किसानों, पंचायतों, किसान उत्पादक संगठनों और स्वयं सहायता समूहों को पुरस्कृत करने तथा प्रोत्साहित करने के लिये किया जा सकता है जो उर्वरक उपयोग को कम करने व जागरूकता पैदा करने में शामिल हैं।
वर्ष 2020-21 में मोदी जी की सरकार ने 1.62 लाख करोड़ रुपए का खाद अनुदान दिया था। और वर्ष 2022 के दौरान यह 2.25 लाख करोड़ रुपए के आँकड़े को पार कर सकता है। अगले तीन वर्षों के लिए मोदी सरकार ने 3.68 लाख का पैकेज घोषित किया है। 
केंद्र ने अक्तूबर 2016 से उर्वरकों में डीबीटी की शुरुआत की, जिसके तहत विभिन्न उर्वरक ग्रेड पर उर्वरक कंपनियों को खुदरा विक्रेताओं द्वारा लाभार्थियों को की गई वास्तविक बिक्री के आधार पर 100 फीसदी सब्सिडी जारी की जाती है।

ब्यूरो रिपोर्ट