संतान की दीर्घायु के लिए माताओ ने रखा हलषष्ठी का व्रत

संतान की दीर्घायु के लिए माताओ ने रखा हलषष्ठी का व्रत

पथरिया -संतान की दीर्घायु एवं सुख समृद्घि की कामना को लेकर मनाया जाने वाला हलषष्ठी पर्व मंगलवार को नगर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।  महिलाओं ने व्रत रखकर घर के आंगन में सगरी बनाकर भगवान शिव की विशेष पूजा की तथा पसहर चावल का सेवन कर व्रत को पूर्ण किया। प्रतिवर्षानुसार मनाए जाने वाला हलषष्ठी पर्व क्षेत्र में धूमधाम के साथ मनाया गया। पूजा पाठ की तैयारी को लेकर महिलाएं सुबह से ही जुटी रही तथा बच्चों की सुख समृद्घि एवं दीर्घायु की कामना को लेकर माताओं ने व्रत रखा। हलषष्ठी के दिन को प्रमुख रुप से भगवान कार्तिकेय का जन्मदिन मनाया गया। इस अवसर पर संतानधारी महिलाएं काफी संख्या में व्रत रखी। घरों के अलावा मंदिरों में पूजा पाठ का दौर सुबह से शाम तक चलता रहा। व्रतधारी माताओं ने घर व मंदिर के सामने सगरी का निर्माण किया जिसमें नदी, पर्वत का दृश्य भी अंकित था और पीढ़े तथा नंदी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। पूजा पाठ दोपहर 12 बजे के बाद प्रारंभ हुआ। पूजा के रूप में उपयोग किए जाने वाले नारियल, अगरबत्ती, कुमकुम, बंदन, चंदन, फलाहार के साथ लाई, चना, मूंग , गेंहू, अरहर, दोना पत्तल सहित सात प्रकार के अनाज चढ़ाकर शिव पंचायत की पूजा की गई। पूजा में महुआ बीज, दही, घी रखकर पूजा-अर्चना की। पूजा-अर्चना घरों के अलावा मठ मंदिर,बड़े मंदिर, लक्ष्मी नारायण मंदिर, दुर्गा मंदिर सहित अनेक स्थानों में भी चला जहां सामूहिक रुप से सैकड़ों महिलाएं एकत्रित हुई तथा विधि-विधान से पूजा अर्चना कर संतान के दीर्घायु और सुख समृद्घि के लिए भगवान से मन्नतें मांगी। पूजा अर्चना के बाद माताओं ने अपने बच्चों के पीठ पर सात रंगों के कपड़े के टुकड़ों से निशान लगाकर लंबी उम्र का आशीर्वाद दिया। पूजन सामग्री पूजा में समर्पित करने के बाद व्रतधारी माताओं ने पसहर चांवल खाकर उपवास तोड़ा तथा भैंसी का दूध और दही व घी का भी उपयोग किया। शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी हलषष्ठी पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया।