*डी ए वी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल में धूमधाम से मनाया गया गुरु घासीदास जयंती*

*डी ए वी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल  में धूमधाम से मनाया गया गुरु घासीदास जयंती*

पथरिया - डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल जरेली पेंड्री में प्रतिवर्ष के तरह इस वर्ष भी हर्षौल्लास के साथ गुरु घासीदास जयंती मनाया गया। जहाँ कार्यक्रम की शुरुआत गुरु घासीदास की प्रतिमा पर पुष्प तथा दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया l गुरु घासीदास जयंती की पूर्व संध्या क्रियाकलाप पर गुरु घासीदास जयंती के विषय को लेकर तरह-तरह के कार्यक्रम एवं गतिविधियों का आयोजन किया गया। इस  अवसर पर विद्यालय में विभिन्न संस्कृतिक कार्यक्रम गीत, नृत्य,फैंसी ड्रेस, ड्राइंग एवं भाषण प्रतियोगिता के साथ-साथ  लोकनृत्य पंथी का भी आयोजन किया गया जिसमें बच्चो ने बढ़ चढ़ भाग लिया। इस कार्यक्रम में संस्था प्रमुख समीर मंडन सभी शिक्षक शिक्षिकाए तथा छात्र छात्राएं उपस्थित रहे l कार्यक्रम में बच्चों द्वारा मनमोहक प्रस्तुति दिए जिनका सभी ने आनंद उठाएं संस्था प्राचार्य समीर मंडन ने अपने संभाषण में गुरु घासीदास जी के जीवन चरित्र को बताते हुए कहा कि गुरु घासीदास का जन्म ऐसे समय हुआ जब समाज में छुआछूत, ऊंचनीच, झूठ-कपट का बोलबाला था, बाबा ने ऐसे समय में समाज में समाज को एकता, भाईचारे तथा समरसता का संदेश दिया। घासीदास की सत्य के प्रति अटूट आस्था की वजह से ही इन्होंने बचपन में कई चमत्कार दिखाए, जिसका लोगों पर काफी प्रभाव पड़ा।बाबा गुरु घासीदास की जयंती से हमें पूजा करने की प्रेरणा मिलती है और पूजा से सद्विचार तथा एकाग्रता बढ़ती है। इससे समाज में सद्कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। वे सत्य की तलाश के लिए गिरौदपुरी के जंगल में छाता पहाड़ पर समाधि लगाए इस बीच गुरूघासीदास जी ने गिरौदपुरी में अपना आश्रम बनाया तथा सोनाखान के जंगलों में सत्य और ज्ञान की खोज के लिए लम्बी तपस्या भी की।बाबा ने तपस्या से अर्जित शक्ति के द्वारा कई चमत्कारिक कार्य कर दिखाए। बाबा गुरु घासीदास ने समाज के लोगों को प्रेम और मानवता का संदेश दिया है। हम सभी को बाबा के बताए हुए सत्य और मानवतावाद के सिद्धांत मानव-मानव एक समान का पालन कर उनके बताए हुए मार्ग पर अमल करना चाहिए की प्रेरणा देते हुए विद्यार्थियों को अधिक से अधिक सभी गतिविधियों को भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किए  l कार्यक्रम का समापन विद्यालय की परंपरा के अनुसार शांति पाठ करा कर प्रसाद वितरण कर किया गया l