श्रद्धा-भाव से मनी देवउठनी एकादशी, गन्ने के मंडप में हुआ तुलसी विवाह

श्रद्धा-भाव से मनी देवउठनी एकादशी, गन्ने के मंडप में हुआ तुलसी विवाह

पथरिया -आस्था, विश्वास एवं संस्कारों की जननी देवउठनी एकादशी व्रत क्षेत्र में परंपरागत व विधि-विधान के साथ मनाया गया। महिलाओं ने उपवास रखकर जहां तुलसी पूजा व गन्ना पूजा कर मनोवांछित फल की कामना की वहीं आज से विवाह संस्कार, उपनयन, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्यक्रमों के साथ शुभ आयोजनों का शुभारंभ भी हुआ


देवउठनी एकादशी पर सुबह से ही श्रद्घालुओं ने नदी एवं तालाबों में जाकर स्नान एवं दीपदान किए। महिलाओं ने मंदिरों में मेवा, मिष्ठान, फल, गन्ना, चनाभाजी, अमरूद, बैगन, मूली एवं आंवला का दान किया। एकादशी को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा गया। सुबह से बाजार हाटों में पूजा योग्य सामग्री की मांग बनी रही। पूजा में अनिवार्य रूप से उपयोग होने वाला गन्ना नग की दर से बेची गई। फिर भी लोगों में अच्छी मांग रही।चना भाजी, बैगन, आंवला, मूली और बेर भी काफी मात्रा में बिके।

देवउठनी एकादशी पर्व पर महिलाओं ने उपवास रखकर मनोवांछित फल की कामना एंव 
 विधि-विधान से पूजा अर्चना किए। गोधुली बेला में महिलाओं ने तुलसी पूजा की तथा शाम के समय घर के द्वारों पर रंग बिरंगी रंगोली बनाकर खुशियों का इजहार किया। 

रात्रि में घर के आंगन में तुलसी चौरा के समीप गन्ना को मंडप से सजाकर भगवान सालिगराम के साथ तुलसी विवाह की रस्म पूरी की गई। गन्ना व अन्य सामग्रियों की भी पूजा अर्चना की गई। रात्रि में पूजा अर्चना के बाद घर के द्वार पर दीप प्रज्जवलित की गई। लोगों ने जगमगाती बिजली से अपने घर को सजाया वहीं बच्चों ने गगनभेदी राकेटों के साथ खूब आतिशबाजी की तथा फूलझड़ियां भी चलाए।