बीमा कंपनियों के क्लेम मामलों का भी लोक अदालत के जरिए होगा निराकरण,न्यायिक अधिकारियों, बीमा कंपनी और अधिवक्ताओं की संयुक्त बैठक में तैयारी के निर्देश

बीमा कंपनियों के क्लेम मामलों का भी लोक अदालत के जरिए होगा निराकरण,न्यायिक अधिकारियों, बीमा कंपनी और अधिवक्ताओं की संयुक्त बैठक में तैयारी के निर्देश

बिलासपुर। आगामी 13 जुलाई को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में मोटर यान सड़क दुर्घटना से संबंधित बीमा क्लेम के प्रकरणों को समझौते के आधार पर निराकरण करने के संबंध में प्रधान जिला न्यायाधीश श्रीमती नीता यादव के निर्देश पर आज जिला न्यायालय के सभागार में न्यायिक अधिकारियों और बीमा कंपनी के अधिकारियों एवं पैनल अधिवक्ताओं की बैठक सम्पन्न हुई।


        बैठक में अपर सत्र न्यायाधीश अविनाश कुमार त्रिपाठी ने बीमा कंपनी के अधिकारियों को बीमा क्लेम से संबंधित ऐसे मामले जिसमें समझौते की संभावना है, की सूची तैयार कर यथाशीघ्र न्यायालय में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये ताकि उन मामलों में हितबद्ध पक्षकारों को समय पर नेशनल लोक अदालत की नोटिस जारी किया जा सके। अपर सत्र न्यायाधीश ओम प्रकाश जायसवाल ने बीमा कंपनी के अधिकारियों से कहा कि जिन मामलों में बीमा पॉलिसी की शर्तों का उलंघन नहीं हुआ है, उन मामलों को भी लोक अदालत में निराकरण हेतु चिन्हांकित किया जा सकता है।

प्रधान जिला न्यायाधीश नीता यादव ने नेशनल लोक अदालत के महत्व को समझाते हुए कहा कि नेशनल लोक अदालत न्यायालयों में लंबित मोटर यान सड़क दुर्घटना सम्बंधी बीमा प्रकरणों के शीघ्र निराकरण का सबसे सस्ता, सुलभ और कारगर माध्यम है। इससे न केवल बीमा कम्पनी तथा सड़क दुर्घटना में मृतक के वारिसों अथवा घायल व्यक्तियों के समय और धन की बचत होती है बल्कि न्यायालय में लंबित मामलों के तेजी से निराकरण में मदद मिलती है। बैठक में अपर सत्र न्यायाधीश अविनाश कुमार त्रिपाठी, ओम प्रकाश जायसवाल, संतोष कुमार महोबिया, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राकेश सिंह सोरी, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के प्रबंधक आकाश सरकार, रवि रंजन गिरी, ओरिएंटेल इंश्योरेंस कंपनी के अधिवक्ता राजकुमार सलुजा, श्रीराम इंश्योरेंस के अधिवक्ता अवनीश दीवान, चोला मंडलम इंश्योरेंस के अधिवक्ता दिनेश प्रसाद, न्यू इंडिया इंश्योरेंस के अधिवक्ता मनोज अग्रवाल, बजाज एलायंस इंश्योरेंस के अधिवक्ता आकाश गुप्ता, टाटा एआईजी बीमा कंपनी के अधिवक्ता यू.के. साहू सहित विभिन्न बीमा कंपनियों के अधिकारी एवं पैनल अधिवक्ता उपस्थित थे।

ब्यूरो रिपोर्ट