*विधायक अटल श्रीवास्तव को पार्टी से निकालने जिलाध्यक्ष ने की अनुशंसा,कांग्रेस में मचा हड़कंप, जानिए पूरा मामला*

*विधायक अटल श्रीवास्तव को पार्टी से निकालने जिलाध्यक्ष ने की अनुशंसा,कांग्रेस में मचा हड़कंप, जानिए पूरा मामला*

बिलासपुर। बिलासपुर कांग्रेस में आरोप प्रत्यारोप निष्कासन और कारवाई के बाद आपसी विवाद जारी है। निकाय चुनाव समाप्त होने के बाद कांग्रेस में गुटीय राजनीति चरम पर है। नगर निगम चुनाव समाप्त होने के बाद भीतर घात करने वालों पर कांग्रेस कमेटी ने निष्कासन की कार्रवाई की है। जिसके बाद अब विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है कांग्रेस जिला अध्यक्ष विजय केसरवानी ने कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव को पार्टी से निष्कासित करने की अनुशंसा की है। जिसके बाद कांग्रेस में हड़कंप मच गया है। कांग्रेस जिला अध्यक्ष विजय केसरवानी ने पत्र जारी कर बीते दिनों पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के सामने दुर्व्यवहार की बात कही गई है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केसरवानी ने इसके लिए पत्र लिखकर पीसीसी चीफ दीपक बैज को अवगत कराया है। साथ ही विधायक अटल श्रीवास्तव की निष्कासन की सिफारिश की है।

जानिए पूरा मामला- 
दरअसल पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव सोमवार को बिलासपुर प्रवास पर थे इस दौरान उन्होंने बिलासपुर के पूर्व विधायक शैलेश पांडे, प्रदेश कांग्रेस सचिव पंकज सिंह के निवास जाकर भेंट मुलाकात की। सिंहदेव के स्वागत के लिए शहर कांग्रेस कमेटी के नेता कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद थे। स्वागत के दौरान कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव भी वहां मौजूद थे, इसके साथ ही कांग्रेस से निष्कासित नेत्री सीमा पांडेय एवं अन्य नेता भी मौजूद थे, इन सभी नेताओं ने सिंहदेव के सामने अपने निष्कासन को लेकर पक्ष रखा। इसके साथ ही कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव ने कार्यकर्ताओं के निष्कासन को लेकर कांग्रेस जिला अध्यक्ष विजय केसरवानी पर गंभीर आरोप लगाए सिंहदेव के सामने ही कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव ने केसरवानी को जमकर खरी खोटी सुनाई। विधायक अटल श्रीवास्तव ने कहा कि तुमने मेरे पीठ पर छुरा गोपा है, इस दौरान वाद विवाद पर विधायक अटल श्रीवास्तव ने कहा कलेक्टर को चपरासी निकाल रहा है। इन सभी बातों को लेकर विवाद बढ़ता देख वहां के स्थानीय नेताओं ने मामले को शांत कराया।

*जिलाध्यक्ष केसरवानी ने कहा नियम अनुसार हुई है कारवाई
जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी ने कहा कि सभी नेताओं पर कार्रवाई नियम अनुसार की गई है। कोटा विधायक द्वारा व्यक्तिगत द्वेष पूर्ण व जानबूझकर आरोप लगाया जा रहा है उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि जिला कांग्रेस कमेटी से उनकी खुद की प्राथमिकता सदस्यता है। उस कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष को चपरासी कहना कितना उचित है। जिन्होंने पार्टी को नुकसान पहुंचाया है जिनके कारण कांग्रेस प्रत्याशी हारे हैं जिन्हें कोटा विधायक समर्थन कर रहे हैं यह कितना उचित है। संगठन के जिला अध्यक्ष को चपरासी कहना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है यह संगठन की अवमानना और अनुशासनहीनता के दायरे में आता है।

ब्यूरो रिपोर्ट