*डी ए वी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल में हर्षोल्लास से रामलीला के मंचीय प्रस्तुति के साथ मनाया गया दीपावली पर्व*
पथरिया - अंचल के एकमात्र अंग्रेजी माध्यम सीबीएसई विद्यालय डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल जरेली (पेंड्री )में प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी हर्षौल्लास के साथ दीपावली पर्व मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पालक एवं प्रतिष्ठित व्यवसायी राम शरण ठाकुर विशिष्ट अतिथि स्थानीय सरपंच प्रतिनिधि सूरज निर्मलकर एंव व्यवसायी भूपेन्द्र तिवारी उपस्थित रहें
। साथ ही संस्था प्रमुख समीर मंडन सभी शिक्षक-शिक्षिकाए, छात्र-छात्राएं एवं समीपस्थ पालकगण भी उपस्थित रहे l कार्यक्रम में बच्चों द्वारा श्री राम वन गमन तथा 14 वर्ष पश्चात वन से वापस अयोध्या आगमन की मनमोहक झांकी सह नाटकीय लीला की मंचीय प्रस्तुति दी गई। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र द्वारा वनवास का 14 वर्ष पूर्ण कर वन से अयोध्या आगमन के पश्चात मंच में श्री रामचंद्र का राज्याभिषेक मुख्य अतिथि विशिष्ट अतिथि एवं प्राचार्य महोदय द्वारा बड़े ही सुंदर ढंग से विधि विधान से मंत्रोच्चार के साथ कराया गया । पूरा दृश्य और प्रस्तुति भाव विभोर कर देने वाला रहा। जिसका सभी ने आनंद उठाया पूरा विद्यालय जय श्री राम के जय घोष एवं मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की जयकारों से गूंज उठा । इसके साथ ही दीप सज्जा एवं कई तरह के अन्य सांस्कृतिक गतिविधियां गीत संगीत आदि का आयोजन हर्षोल्लास से किया गया।। पूरा विद्यालय में दीपावली उत्सव के उत्साह एवं खुशी भरा जगमगाता माहौल बन गया। सभी अतिथियों ने इस कार्यक्रम की सफल आयोजन की भूरी-भूरी प्रशंसा की।संस्था प्रमुख समीर मंडन ने अपने संभाषण में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जीवन चरित्र को बताते हुए उनके आदर्शों एवं संघर्षमय जीवन शैली का अनुशरण कर कर्मठ, कर्तव्यनिषठ, धर्मपरायण बनने के लिए प्रेरित किए l सभी गतिविधियां हाउस वाइज आयोजित हुए । विद्यालय के सभी विद्यार्थी चार हाउसों दयानंद हाउस, अरविंदो हाउस, विवेकानंद हाउस एवं श्रद्धानंद हाउस में विभाजित है तथा सभी तरह के गतिविधियों में पूरे उत्साह एवं जोश के साथ बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं । सभी गतिविधियों में विद्यालय के कुल विद्यार्थियों में से लगभग 60% विद्यार्थीयों ने पूरे जोश और उत्साह के साथ भागीदारी निभाई। अंत में प्रतियोगिताओं के रिजल्ट की घोषणा आज के अतिथियों के द्वारा किया गया।कार्यक्रम का समापन विद्यालय की परंपरा के अनुसार धन्यवाद ज्ञापन के बाद शांति पाठ करा कर किया गया l