*चिराग परियोजना अंतर्गत किसानों को समन्वित कृषि प्रणाली अपनाने प्रेरित करें : कलेक्टर राहुल देव

*चिराग परियोजना अंतर्गत किसानों को समन्वित कृषि प्रणाली अपनाने प्रेरित करें : कलेक्टर राहुल देव

मुंगेली । शासन द्वारा संचालित चिराग परियोजना के अन्तर्गत ‘‘समन्वित कृषि प्रणाली’’ के संबंध में आज जिला कलेक्टोरेट स्थित मनियारी सभाकक्ष में बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर अमेरिका से आए वर्ल्ड बैंक एवं इंटरनेशनल फंड फॉर एग्रीकल्चर डेवेलपमेंट के वरिष्ठ अधिकारीगण श्री होलैड, श्री राज गांगुली, श्रीमती मीरा मिश्रा और श्री ब्रेन नाथन शामिल हुए। उन्होंने चिराग परियोजना के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी और संबंधित विभाग के अधिकारियों को टीम भावना से कार्य करते हुए जिले में बेहतर क्रियान्वयन के लिए प्रोत्साहित किया। बैठक में विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रेजेंटेशन के माध्यम से चिराग परियोजना अंतर्गत कृषि के साथ-साथ पशुपालन, डेयरी, मछली पालन, कुक्कुट पालन, मशरूम उत्पादन तथा अन्य आयमूलक गतिविधियों के समन्वित क्रियान्वयन के संबंध में चर्चा की गई।
              कलेक्टर  राहुल देव ने कहा कि चिराग परियोजना का मुख्य उद्देश्य जिले के किसानों की आमदनी बढ़ाना तथा कृषक परिवारों का उचित पोषण सुनिश्चित कराना है। किसान जिन फसलों का पूर्व से उत्पादन कर रहे हैं, उन्हीं फसलों की अधिक पोषक मूल्य वाली किस्में उगाने के लिए उन्हें प्रेरित किया जाना चाहिए। उन्होंने चिराग परियोजना अंतर्गत जिले के अधिक से अधिक किसानों को समन्वित कृषि प्रणाली अपनाने के लिए प्रेरित करने कहा। कलेक्टर ने बताया कि चिराग परियोजना के अंतर्गत मुंगेली के 40 गांव का चिन्हांकन कर तथा उन गांव में सर्वे कराकर सभी गांव को समन्वित कृषि के अंतर्गत लाया जाएगा। इससे लोगों की जीवन शैली, जीवन की गुणवत्ता के साथ-साथ पोषण को भी बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना के अंतर्गत वर्ल्ड बैंक तथा आई.एफ.ए.डी. द्वारा वित्त पोषण किया जा रहा है। परियोजना के अंतर्गत जिले में  बड़ी राशि निवेश की जाएगी जिससे किसानो की आय एवं जीवन की गुणवत्ता के साथ साथ जिले का चहुंमुखी विकास सुनिश्चित होगा।
             प्रोजेक्ट डायरेक्टर श्रीमती तुलिका प्रजापति ने बताया कि चिराग परियोजना एक मात्र ऐसी परियोजना है, जिसमें पोषण आधारित कृषि पर कार्य किया जा रहा है। इसमें कृषक परिवारों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए प्राथमिकता दी जा रही है। परियोजना के तहत विशेष रूप से आदिवासी क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना का प्रमुख उद्देश्य समन्वित कृषि प्रणाली के माध्यम से किसानों को परंपरागत फसलों के साथ-साथ अन्य आयमूलक एवं पोषणवर्धक उद्यमों को अपनाने के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न फसलों के प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन पर काफी अच्छा कार्य किया जा रहा है और कृषक उत्पादक समूहों तथा महिला स्व-सहायता समूहों को इनसे जोड़ते हुए उनके लिए मार्केट लिंकेज उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि किसानों के आय बढ़ाने के लिए उत्पादों का मूल्यवर्धन, विपणन के लिए रूरल हाट का विकास जैसे विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं। गॉवों में पोषण सखी के माध्यम से लोगों को पौष्टिक एवं संतुलित आहार की जानकारी दी जा रही है। बैठक में चिराग परियोजना के उद्देश्यों, लक्ष्यों एवं गतिविधियों पर प्रकाश डाला गया। उल्लेखनीय है कि चिराग परियोजना छत्तीसगढ़ राज्य के 15 जिलों के 27 विकासखंडों में संचालित है, इसमें मुंगेली जिला शामिल है।

*कलेक्टर ने वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधि होलैड तथा टीम का स्मृति चिन्ह भेंट कर किया सम्मान*

       कलेक्टर राहुल देव ने बैठक के बाद अमेरिका से आए वर्ल्ड बैंक एवं इंटरनेशनल फंड फॉर एग्रीकल्चर डेवेलपमेंट के प्रतिनिधि श्री होलैड,  राज गांगुली, श्रीमती मीरा मिश्रा और  ब्रेन नाथन का स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया और चिराग परियोजना के क्रियान्वयन में हर संभव मदद का आश्वाशन दिया।इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी  प्रभाकर पांडेय, संयुक्त कलेक्टर गिरीश रामटेके सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

*चिराग परियोजना: विदेश से आए वैज्ञानिकों ने जिले में कृषि संबंधी संभावनाओं का किया अवलोकन*

       बैठक उपरांत विदेश से आए वर्ल्ड बैंक एवं इंटरनेशनल फंड फॉर एग्रीकल्चर डेवेलपमेंट के वरिष्ठ अधिकारियों ने मुंगेली विकासखण्ड के ग्राम नुनियाकछार का भ्रमण किया। वैज्ञानिकों ने जिले में कृषि संबंधी संभावनाओं का अवलोकन किया। उन्होंने ग्राम में किसानों के साथ खेती के संबंध में चर्चा की और उन्हें आधुनिक एवं समन्वित कृषि प्रणाली अपनाने प्रेरित किया। अधिकारियों ने पोषण सखी से चर्चा करते हुए कृषकों को विशेषकर महिलाओं एवं बच्चों को पौष्टिक एवं संतुलित आहार की जानकारी देने के लिए कहा, जिससे एनीमिया जैसे बीमारियों पर नियंत्रण स्थापित किया जा सके। अधिकारियों ने मत्स्य पालकों के साथ बैठक कर स्थल का भ्रमण किया और उत्पादन, लागत, विपणन और आमदनी के संबंध में जानकारी ली। इस दौरान कृषि विभाग के उपसंचालक श्री डी. के. ब्यौहार सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।