जीएसटी-टीडीएस कटौती नहीं होने पर होगी रिकवरी की कार्यवाही, प्रावधानों को गंभीरतापूर्वक समझें: कलेक्टर
मुंगेली । शासकीय विभागों के आहरण एवं संवितरण अधिकारियों को आज जिला कलेक्टोरेट स्थित मनियारी सभाकक्ष में जीएसटी-टीडीएस कटौती के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया। कलेक्टर राहुल देव ने कहा कि केन्द्रीय एवं राज्य माल और सेवा कर अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार विभागों द्वारा की जाने वाली सामाग्री खरीदी एवं सेवा प्राप्ति पर प्रदायकर्ताओं तथा ठेकेदारों को किए जाने वाले भुगतान पर स्त्रोत पर कर की कटौती का प्रावधान है। सभी आहरण एवं संवितरण अधिकारी शासन को जीएसटी से प्राप्त होने वाले राजस्व की क्षति को रोकने जीएसटी-टीडीएस कटौती की प्रक्रिया को बारीकी से समझें और इसका गंभीरतापूर्वक क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। जीएसटी-टीडीएस कटौती नहीं होने पर रिकवरी की कार्यवाही भी की जाएगी।
*जीयन के लिए टेन नम्बर अनिवार्य*
कलेक्टर ने कहा कि सभी शासकीय विभागों तथा स्थानीय प्राधिकारियों को जीएसटी के अंतर्गत स्त्रोत पर कटौतीकर्ता के रूप में पंजीकरण किया जाना है। इसके लिए टेन नम्बर अनिवार्य रूप से होना चाहिए। वस्तु एवं सेवा प्रदाय के भुगतान संबंधी प्रस्तुत देयकों में यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदायकर्ता द्वारा दिया गया जीएसटीआईएन वर्तमान में सक्रिय एवं वैध हो। उन्होंने स्थानीय निकायों को भी जीएसटी-टीडीएस कटौती के सबंध में निर्देशित किया। सहायक आयुक्त जीएसटी बिलासपुर सुखना राम भगत ने जीएसटी-टीडीएस कटौती की प्रक्रिया एवं पंजीयन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किसी भी डीडीओ द्वारा किसी कराधेय वस्तु या सेवा हेतु 02.50 लाख रूपए से अधिक भुगतान होने पर 02 प्रतिशत की दर से स्त्रोत पर कटौती किया जाना है। प्रशिक्षण में जीएसटी-टीडीएस से संबंधित शंकाओं का समाधान भी किया गया।
*जीएसटीआइएन नम्बर वाले फर्म से ही करें खरीदी*
जिला कोषालय अधिकारी महेंद्र कुमार पांडेय ने कहा कि विभागों द्वारा जीएसटी-आइएन नम्बर वाले फर्म से ही सेवा प्राप्ति एवं सामाग्री खरीदी करें। शासकीय विभागों द्वारा खरीदी जाने वाली सामग्री, मशीन उपकरण, फर्नीचर, स्टेशनरी अथवा अन्य कोई भी वस्तुएं, निर्माण कार्यों एवं ठेकों तथा लिये जाने वाली किसी भी प्रकार की सेवाओं की राशि पर जीएसटी-टीडीएस काटने के पश्चात्वर्ती माह की 10 तारीख तक रिटर्न जीएसटी आर-07 में प्रस्तुत किया जाए। किसी भी वस्तु अथवा सेवा प्रदायकर्ता द्वारा एक वित्तीय वर्ष के दौरान एक ही क्रय या सेवा आदेश के विरूद्ध पृथक-पृथक देयकों में राशि का विभाजन करते हुए जीएसटी की स्त्रोत पर कटौती हेतु निर्धारित 2.5 लाख की सीमा का उल्लंघन न हो। प्रदायकर्ता द्वारा दिए गए जीएसटी-आइएन नम्बर की वैधता जांच करने जीएसटी.जीओव्ही.इन वेबसाईट पर जाकर जांच भी कर लें। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रभाकर पाण्डेय, डिप्टी कलेक्टर अजय शतरंज, सभी विभागों के कार्यालय प्रमुख और कार्यालयों के आहरण एवं संवितरण अधिकारी मौजूद रहे।