आंगनबाड़ी भर्ती में गड़बड़ी को लेकर कांग्रेसी नेता का फूटा गुस्सा...कार्रवाई नही हुई तो सभापति पद से दूंगा त्याग पत्र...इधर विधायक ने किया दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग

आंगनबाड़ी भर्ती में गड़बड़ी को लेकर कांग्रेसी नेता का फूटा गुस्सा...कार्रवाई नही हुई तो सभापति पद से दूंगा त्याग पत्र...इधर विधायक ने किया  दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग

मुंगेली। मुंगेली जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के लिए हो रही भर्ती में जमकर धांधली किया जा रहा है,विभाग के अधिकारियों के द्वारा भर्ती प्रकिया में  एकरूपता न कर मनमाफिक नियमों में बदलाव   किया जा रहा है जिससे पात्र अभ्यर्थी का चयन न होकर अपात्र अभ्यर्थी का हो जा रहा है।यह सब विभागीय अधिकारियों द्वारा अपने चहेते अभ्यर्थियों को लाभ दिलाने किया जा रहा है।यह बात हम नही बल्कि कांग्रेसी नेता एवं मुंगेली जिला पंचायत के महिला एवं बाल विकास विभाग के सभापति वसिउल्लाह खान ने खुद ही मीडिया के समक्ष कही है ।उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि मुंगेली जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा आंगनबाड़ी भर्ती में गड़बड़ी कर भूपेश सरकार  एवं मुंगेली जिला प्रशासन की छवि को धूमिल किया जा रहा है।उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि विभाग के अधिकारियों के द्वारा पैसे का लेनदेन कर भर्ती प्रकिया में  जमकर गड़बड़ी एवं धांधली किया जा रहा है।उन्होंने मीडिया को भर्ती प्रकिया गड़बड़ी से संबंधित शिकायतो का पुलिंदा सौंपते हुए कहा कि  इस विभाग के सभापति होने के नाते कई अभ्यर्थियों ने उनसे संपर्क कर किस तरह से गड़बड़ियों को अंजाम दिया जा रहा है उससे रिलेटेड दस्तावेज उपलब्ध कराया है।


मुंगेली परियोजना का हाल बेहाल-वशिउल्लाह खान

 महिला एवं बाल विकास विभाग के मुंगेली विकासखण्ड कार्यालय को लेकर सभापति वशिउल्लाह खान ने  बड़ा आरोप लगाया है।उन्होंने कहा कि यहाँ विभाग के अधिकारियो ने तो चार कदम आगे जाकर इस तरह से भर्ती प्रकिया नियम बना रखा है जो कि खुद ही उनके गले का फांस बन जायेगा..उन्होंने कहा कि जानकारी के मुताबिक मुंगेली के इस ब्लॉक परियोजना कार्यालय में दो सेक्टर है जहां सेक्टर -2 में BPL का 6 नंबर तभी अभ्यर्थी को दिया जा रहा है जब जनपद सीईओ द्वारा प्रमाणित किया गया हो जबकि ठीक इसके उलट इसी ब्लॉक परियोजना कार्यालय के सेक्टर -1 में सरपंच -सचिव के द्वारा BPL को प्रमाणित किये जाने को मान्य किया जा रहा है जिससे अभ्यर्थी असमंजस में है,जाहिर है एक ही परियोजना कार्यालय में दो दो भर्ती नियम अधिकारियों के गले का फांस बनेगा ही।क्योकि पूर्व के भर्तियों में इसी सेक्टर -1 में सरपंच सचिव के द्वारा प्रमाणित किये गए BPL प्रमाण पत्र को अमान्य बताने की बात भी सामने आ चुकी जी।


करवाई नही होंगी तो सभापति पद से दूंगा इस्तीफ़ा-सभापति

सभापति वसिउल्लाह खान ने बताया कि बड़ी संख्या में पीड़ित अभ्यर्थियों के द्वारा जिम्मेदार अधिकारियों  के समक्ष लिखित में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की भर्ती में हो रही गड़बड़ियों की शिकायत दर्ज कराई है इसके अलावा उनके द्वारा खुद जिला पंचायत की सामान्य सभा की बैठक में दो बार इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया गया ,जिसके बाद शिकायतो की जांच के लिए जांच कमेटी जरूर बनाई गई है मगर भर्ती में गड़बड़ी का सिलसिला रुकने का नाम नही ले रहा।जिससे नाराज होकर उन्होंने कहा कि जिला पंचायत के सामान्य सभा की बैठक में मैंने भर्ती प्रकिया में एकरूपता लाने, गलत तरीके से की गई भर्ती को निरस्त करने,व गड़बड़ी करने वालो पर कार्रवाई की मांग किया है ।यदि नही हुआ तो सभापति पद से इस्तीफा दे दूंगा।वही उन्होंने यह भी कहा कि अपात्र अभ्यर्थियो से पैसे लेकर विभाग के अधिकारी किस तरह से गड़बड़ी को अंजाम दे रहे है मेरे पास लेनदेन का वीडियो भी है।जिसको बहुत जल्द मीडिया के समक्ष साझा करूंगा।


विधायक ने कही यह बात

कांग्रेसी नेता एवं जिला पंचायत के महिला एवं बाल विकास विभाग के सभापति वशिउल्लाह खान के आंगनबाड़ी भर्ती में गड़बड़ी को लेकर खुलकर विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाने के बाद बीजेपी ने भी इस मामले को हाथों हाथ ले लिया है  मुंगेली विधायक पुन्नूलाल मोहले ने कहा कि मुझे भी आंगन बाड़ी केंद्रों में गलत तरीके से भर्ती करने की शिकायत मिल रही है। कांग्रेस की सरकार जब पीएससी भर्ती घोटाला कर रही है तो यह तो महिला एवं  बाल विकास विभाग में चल रही यह भर्ती तो एक छोटा नमूना है ऐसे अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करके नियुक्ति आदेश निरस्त करना चाहिए और इसमें जांच करके पात्र लोगो की भर्ती होनी चाहिए ।

क्या विभाग के अधिकारियों को नही है किसी का डर

यहां पर सवाल यह उठता है कि जो शिक़ायत या आरोप लगाए जा रहे है अगर वह सही है तो क्या वाकई में इस विभाग के अधिकारी को प्रशासन-और शासन का कोई भय नही है ?तभी तो मनमाफिक  नियमो में बदलाव करने से भी  गुरेज नही कर रहे ?।जाहिर है ऐसे ही अधिकारियों के कारनामो के चलते शासन -प्रशासन को हाईकोर्ट के कटघरे में खड़ा होना पड़ता है।