पूर्व महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा को हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत, राज्य शासन से दो सप्ताह के भीतर मांगा जवाब

पूर्व महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा को हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत, राज्य शासन से दो सप्ताह के भीतर मांगा जवाब

बिलासपुर। पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा को हाई कोर्ट से भी नहीं मिली राहत। छत्तीसगढ़ के चर्चित नान घोटाला केस में आरोपी पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने अधिवक्ता के माध्यम से उनके खिलाफ बिना अनुमति दर्ज FIR को गलत बताया है। साथ दर्ज fir को लेकर अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी जहां हाई कोर्ट ने भी खारिज कर दिया है। पूर्व एजी वर्मा के वकील ने FIR पर सवाल उठाए हैं,वकील ने कहा राज्य शासन के प्रावधान के अनुसार किसी भी महाधिवक्ता के खिलाफ बिना अनुमति FIR दर्ज करना गलत बताया है, इसलिए उन्हें जमानत दी जाए। वही इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य शासन से दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।

आपको बता दे 4 नवंबर को ईडी ने पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा,रिटायर्ड आईएएस डॉ आलोक शुक्ला और रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। इन सभी पर आरोप है इन्होंने अपने प्रभाव का दुरुपयोग कर गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास किया है। इसके पहले भी ईडी ने इन पर केस दर्ज किए हैं जिसकी जांच अभी चल रही है। 

पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने दर्ज FIR  बाद अग्रिम जमानत के लिए रायपुर की स्पेशल कोर्ट में जमानत लगाई थी जहां उन्हें कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने सीनियर एडवोकेट के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी।

ब्यूरो रिपोर्ट