लोकतंत्र सेनानियों का श्राप लगा भूपेश सरकार को-सच्चिदानंद उपासने, 26 जून को मुख्यमंत्री के आवास में साय का स्वागत करेंगे सेनानी

लोकतंत्र सेनानियों का श्राप लगा भूपेश सरकार को-सच्चिदानंद उपासने, 26 जून को मुख्यमंत्री के आवास में साय का स्वागत करेंगे सेनानी

 बिलासपुर। शुक्रवार को बिलासपुर प्रेस क्लब में लोकतंत्र सेनानी संघ छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व राष्ट्रीय संयोजक लोकतंत्र प्रहरी सच्चिदानंद उपासने ने पत्रकारों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार को लोकतंत्र सेनानियों का श्राप लगा है, जिसकी वजह से कांग्रेस की सरकार का प्रदेश से सफाया हो गया है। दरअसल 2008 से सेनानियों को दी जा रही सम्मान निधि को भूपेश बघेल की सरकार ने रोक दिया था, और पूरे 5 साल तक किसी को भी एक भी पाई नहीं दी गई।

भाजपा की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कोर्ट में लगे केस को वापस लेकर सभी सेनानियों को न सिर्फ सम्मान निधि देना शुरू किया बल्कि 5 साल तक रोक कर रखी गई सम्मान निधि को भी किस्तों के जरिए सभी को प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहाकि सन् 1975 से 1977 के कालखण्ड के 21 माह की कालावधि जब तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता बचाने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के जस्टिस जगमोहन द्वारा पारित उस निर्णय को रद्दी की टोकरी में फेंक दिया था जिसके द्वारा जस्टिस ने उनके रायबरेली लोकसभा की विजयश्री को अवैध करार दे प्रधानमंत्री पद से पदच्युत करने व छः वर्षों तक चुनाव लड़ने अपात्र करार कर दिया था। इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री पद से त्याग पत्र न देकर त्याग पत्र की मांगों के जनान्दोलनों को दमनकारी नीति से कुचल कर देश में तानाशाही के शिकंजे में डाल देश से लोकतंत्र समाप्त कर 26 जून 1975 को देश में आपात्‌काल लगाकर समाचार पत्रों की आजादी, नागरिकों के अभिव्यक्ति के अधिकार छीन लिये। रातों रात देश के सभी विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार कर मीसा/डी.आई.आर. कानून के अंतर्गत जेलों में डाल दिया गया जिसको किसी न्यायालय में चुनौती देने या जमानत की कोई स्वतंत्रता नहीं थी। गिरफ्तारियों व आपात्‌काल के विरूद्ध देश में लाखों की संख्या में सत्याग्रही सड़कों पर "इंदिरा तेरी तानाशाही नहीं चलेगी" के नारे लगाये, उन्हें भी जेलों में डालकर भयंकर यातनायें दी गयी। ऐसे काले अध्याय को लोकतंत्र सेनानी संघ प्रतिवर्ष 25, 26 जून को "लोकतंत्र स्मृति दिवस" "काला दिवस" के रूप में सभी प्रदेशों में सेनानी व्यापक रूप से मनाते हैं। इस वर्ष प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेश के समस्त आपातकाल के प्रताड़ित सेनानियों व उनके परिजनों को सम्मान प्रदान करने दिनांक 26 जून को अपने आवास पर आमंत्रित किया है, क्योंकि प्रदेश में डॉ. रमण सिंह की सरकार ने प्रदेश के सेनानियों को वर्ष 2008 से सम्मान देना प्रारंभ किया था जिसे 2019 से भूपेश बघेल की तानाशाही सरकार ने बंद कर दिया। उच्च न्यायालय की सिंगल व डबल बेंच के आदेशों का पालन न कर सुप्रीम कोर्ट में पेशियां ले लटकाये रखा। विष्णु देव साय की सरकार ने आते ही सुप्रीम कोर्ट से प्रकरण वापस लेकर सभी सेनानियों के सम्मान को वापस किया व भूपेश सरकार की रोकी गयी पांच वर्ष की बकाया सम्मान निधि एक साथ भी प्रदान कर सेनानियों का मनोबल बढ़ाया है। यही कारण है कि सभी जिलों से सेनानी अपने-अपने स्तर से मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत मुख्यमंत्री आवास में 26 जून को करेंगे। सम्मान समारोह में लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय महासचिव राजेन्द्र गहलोत, सांसद, राजस्थान विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने, प्रदेश संगठन प्रभारी द्वारिका जायसवाल व प्रदेश अध्यक्ष दिवाकर तिवारी ने प्रदेश के समस्त सेनानियों से उपस्थिति की अपील की है।पत्रकार वार्ता के दौरान राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य दत्ता त्रिपुरवार सहित सेनानी संघ से जुड़े अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।

ब्यूरो रिपोर्ट