एक दिन पहले कोतवाली थाने में जिस महिला के बयान पर आरोपियों पर दर्ज हुआ था मामला, दुसरे दिन उन्हीं आरोपियों के बयान पर पीड़ित महिला को बना दिया आरोपी, जानिए पूरा मामला

एक दिन पहले कोतवाली थाने में जिस महिला के बयान पर आरोपियों पर दर्ज हुआ था मामला, दुसरे दिन उन्हीं आरोपियों के बयान पर पीड़ित महिला को बना दिया आरोपी, जानिए पूरा मामला

बिलासपुर। कोतवाली थाने में एक दिन पहले जिस महिला के बयान पर आरोपियों खिलाफ़ दर्ज हुआ था अपराध,दूसरे दिन आरोपियों के बयान पर सिविल लाइन पुलिस ने उसी महिला को बना दिया आरोपी महिला के खिलाफ़ उन आरोपियों के बयान पर आईपीसी की धारा 306,34 दर्ज कर लिया गया। पीड़ित महिला ने मीडिया को बताया आप बीती और की अपने ऊपर लगे आरोपों की निष्पक्ष जांच की मांग,और उन सभी आरोपियों के खिलाफ़ की कर्रवाही की मांग।

जानिए क्या हैं पूरा मामला,पीड़िता ने जो मीडिया को बताया- मैं लक्ष्मी बजाज पति स्व. जितेन्द्र बजाज आयु लगभग 32 वर्ष निवासी चंद्रा पार्क, बृहस्पति बाजार बिलासपुर,स्थायी पता आसनदास गली, वार्ड नं. 05 सिंधी कॉलोनी बिलासपुर। मेरे पति स्व. जितेन्द्र बजाज ने 15 -16 जुलाई की दरम्यानी रात आत्महत्या कर ली थी जिसके पूरी तरह जिम्मेदार मेरी सास शकुंतला बजाज, संदीप बजाज, सुमित बजाज और ओमप्रकाश बजाज हैं। इन लोगों द्वारा मेरे पति को भावनात्मक और व्यावसायिक रूप से सतत् प्रताड़ित किया था। जिसके संबंध में समस्त तथ्य संदीप बजाज द्वारा भावनात्मक भयादोहन के लिए लिखा गया सुसाईड नोट, मेरे स्व.पति जितेन्द्र बजाज के वाट्सएप चेट, ऑडियो रिकार्डिंग, मेरे पति के जीवनकाल में पुलिस को गयी शिकायत 06.02.2019 की पावती की कॉपी सहित अन्य आवश्यक तथ्य पेन ड््राईव में पुलिस थाना सिविल लाईन को 22.09.2022 को अपने शिकायत आवेदन के साथ दी थी।  उक्त आवेदन में मैेंने संदीप बजाज की मुझ पर बदनीयती से लेकर ससुराल पक्ष के उक्त सदस्यों द्वारा मुझे टोनही कहकर प्रताड़ित करने से लेकर समस्त शिकायत तथ्यों के साथ की थी जिसे पुलिस थाना सिविल लाईन द्वारा जंाच से हटा दिया गया है। 
तत्संदर्भ मेें कोई कार्यवाही नहीं होने व जांच के नाम पर लीपापोती करने पर मेरे द्वारा पुलिस अधीक्षक व पुलिस महानिरीक्षक के समक्ष दिनांक 20.10.2022 व 21.10.2022 को पुलिस थाना सिविल लाईन के शिकायत आवेदन 22.09.2022 के छायाप्रति के साथ आवेदन दी थी। उक्त आवेदनों पर कार्यवाही नहीं होने से संदीप बजाज के हौसले लगातार बुलंद होते रहे और उसके द्वारा मुझसे छेड़छाड, पीछा करने गंदे ईशारे करने का दुष्कृत्य लगातार बढ़ता रहा। दिनांक 20.01.2023 को साक्ष्य, गवाह व विडियो के साथ जब मैंने पुनः शिकायत की तब पुलिस थाना सिविल लाईन द्वारा अपराध क्रमांक 86/2023, 354 भा. दं. सं. के तहत अपराध दर्ज किया गया। उक्त अपराध दर्ज हो जाने के बाद से मुझे संदीप बजाज की मां शकुंतला बजाज, भाई सुमित बजाज और ओमप्रकाश बजाज द्वारा लगातार जान से मारने की धमकियां, बच्चे के अपहरण व जान से मारने की धमकियां, चरित्र हनन का प्रयास करते हुए मुझे सार्वजनिक रूप से वेस्या कहकर बुलाया जाने लगा, ताने मारने लगे और सोशल मीडिया में बदनाम करने और नाम छेड़छाड़ पीड़िता बनती है। कहकर नाम सार्वजनिक कर बदनाम किये और प्रकरण को वापस लेने का दबाब बनाया जाने लगा। 
मेरे जेठ संदीप बजाज द्वारा सीसीटीवी कैमरों की निगाह से बचकर मुझे अकेले में पाकर लगातार छेड़छाड़, ताना मारने व दबाब बनाया जा रहा था जिसके संदर्भ में मैंने पुलिस थाना कोतवाली में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस की समझाईश के बाद कुछ दिन शांत रहने के बाद वह पुनः वैसी ही हरकत करने लगा। संदीप बजाज द्वारा मेरे दुकान में आये थोक सामान के पार्सल रख लिये जाते थे और उसको बेच दिया जाता था। जिसके संदर्भ में वृंदावन परिसर के व्यापारी संघ में मैंने कई बार शिकायत की संघ की समझाईश पर भी नहीं मानने पर मैंने पुलिस थाना कोतवाली में पुनः 31.08.2023 को लिखित शिकायत की जिस पर पुलिस द्वारा 151 का ईश्तगास कार्यवाही कर संदीप बजाज को गिरफ्तार किया गया। संदीप बजाज पर दर्ज छेड़छाड़ प्रकरण में साक्ष्य के लिए न्यायालय में न्यायिक मजिस्ट्र्ेट प्रथम श्रेणी बिलासपुर के यहां प्रकरण क्रमांक 2289/23 में साक्षी के तौर पर मुझे 11.03.2024 को उपस्थिति का सम्मन मिलने पर संदीप बजाज, सुमित बजाज, ओमप्रकाश बजाज व शकंुतला बजाज द्वारा अत्यधिक दबाब बनाते हुए कहा गया कि तूझे झूठे प्रकरण में फंसा देगें, तेरे बच्चों की हत्या करवा देगें नहीं तो प्रकरण वापस ले। गवाही देने मत जा, मुझे गवाही देने जाने से जबरन रोक दिया गया। इस बार मुझे पुलिस द्वारा गवाही के लिए जमानती वारंट की जानकारी देने पर मैंने इन लोगों से कह दिया कि मैं तो गवाही देने जाउंगी तबसे इन लोगों द्वारा जुलाई माह से मुझे अत्यधिक प्रताड़ित करते हुए मुझे डराया धमकाया गया कि तुझे फंसा देगें हमारे पास बहुत पैसा है पहुंच है। मेरे खिलाफ शकुतला बजाज से झूठी शिकायत करवाकर उसकों अखबार और सोशल मीडिया में वायरल कर मुझे बदनाम किया गया तब मेरे द्वारा पुलिस थाना कोतवाली में शिकायत की गयी मेरी लिखित शिकायत व साक्ष्य के आधार पर पुलिस थाना कोतवाली द्वारा दिनांक 15.07.2024 को अपराध क्रमंाक 294/2024, 294, 506, 509, 34 भा. द. वि. के तहत संदीप बजाज, सुमित बजाज, ओमप्रकाश बजाज, श्रीमती शकुंतला बजजा पर अपराध दर्ज किया गया। 
उक्त अपराध दिनांक 15.07.2024 को दर्ज होने के बाद सभी आरोपी सुमित बजाज, संदीप बजाज, शकंुतला बजाज और ओमप्रकाश बजाज सक्रिय हो गये और मेरे स्व. पति जितेन्द्र बजाज के मृत्यु प्रकरण में अपना दो वर्ष पूर्व में दर्ज बयान बदलवाकर,दूसरा नया बयान दर्ज कराते हुए अपने धन बल और राजनीतिक पहुंच का इस्तेमाल कर द्वेष पूर्वक अगले दिन 16.07.2024 को अपराध क्रमांक 0636/2024, 306,34 का अपराध मेरे व मेरी बुढ़ी मॉ रानी बाई, मेरे भाई धीरज और श्याम लालचंदानी पर दर्ज करवा दिया। पुलिस थाना सिविल लाईन को दो वर्ष मंे विवेचना के दौरान समस्त गवाह, साक्ष्य व तथ्यों से स्पष्ट था कि मेरे स्व.पति जितेन्द्र बजाज को सतत् मानसिक और व्यवसायिक प्रताड़ना देने वाले उसके भाई और मां थे साथ ही कोतवाली में दर्ज अपराध व छेड़छाड़ का प्रकरण पुलिस थाना सिविल लाईन में दर्ज होने के बाद भी द्वेष वश मुझे और परिजनों को फंसाने की साजिश रची गयी। 
मेरे पति के जीवनकाल में ही उन्हें और मुझे घर से निकाल दिया गया, पुष्तैनी संपत्ति में हमें कुछ नहीं दिया गया। मेरे मेरे पति द्वारा उक्त संपत्ति पर कभी कोई दावा या प्रतिदावा भी प्रस्तुत नहीं किया गया। मेरे पति को प्रताड़ित कर इन लोगों ने जब उनकी जान ली मेरे पास तीन वर्ष का बेटा विवान बजाज, कोख में दो -तीन माह का बच्चा था। मैं किराये के घर में और किराये की दुकान चलाकर अपना और बच्चों का भरण पोषण कर रही थी लेकिन इन लोगों की बदनीयती, लोभ और अपराधिक प्रवृत्ति से मैं अपना जीवन यापन नही ंकर पा रही हूं। मेरा छोटा बच्चा हार्दिक अभी लगभग 16 माह का है जो स्तनपान करता है बड़ा बेटा विवान बजाज अभी लगभग सात वर्ष का है। एक दिन पूर्व ही 15.07.2024 को सुमित बजाज, ओमप्र्रकाश बजाज, शकुंतला बजाज व संदीप बजाज पर दर्ज अपराध, 354 के प्रकरण मंे लगातार उक्त चारों द्वारा बनाये गये दबाब सहित समस्त तथ्यों व साक्ष्यों का अवलोकन कर मेरे और मेरे परिजनों पर द्वेष वश बिना तथ्यों व साक्ष्यों के दर्ज 16.07.2024 को अपराध क्रमांक 0636/2024, 306, 34 को रद्द किया जाय और इन सभी दोषियों पर समुचित कार्यवाही की जाए।


ब्यूरो रिपोर्ट