बीजेपी ने बिलासपुर लोकसभा मे विकास के नाम से कभी वोट नही मांगा, अटल तो कभी मोदी नाम के सहारे ही चुनाव में उतरी है, ऐसा क्यों?

बीजेपी ने बिलासपुर लोकसभा मे विकास के नाम से कभी वोट नही मांगा, अटल तो कभी मोदी नाम के सहारे ही चुनाव में उतरी है, ऐसा क्यों?

बिलासपुर लोकसभा। प्रदेश में बिलासपुर की राजनीति की चर्चा हमेशा बनी रहती है. छत्तीसगढ़ राजनीति का प्रमुख केंद्र बिलासपुर हरदम रहा है पर दुर्भाग्य से  बिलासपुर का कोई भी संसद अपनी छाप केंद्र की राजनीति में नही छोर पाया, बिलासपुर के राजनीतिक आखाड़े में कुस्ती तो बहुत लड़ी गई पर राजनीति में सुरमा बन के आजतक कोई नही निकल पाया। लोकसभा सांसद एक पद मात्रा जैसा बिलासपुर के लिए रहा, विकास के धारा बह दे ऐसा कोई संसद बिलासपुर को मिल ही नही, बिलासपुर लोकसभा के जितने भी सांसद रहे कभी भी किसी ने बिलासपुर के विकास की ओर ध्यान नहीं दिया.

बिलासपुर की जनता ने कांग्रेस BJP दोनों को लगभग बराबर मौका दिया है, विगत सात बार से तो बिलासपुर की जनता ने BJP को दिल खोल के वोट दिया और अपराजय रखा, पर उनमें से भी कोई संसद ऐसा नही रह जिसपे जनता को नाज़ हो, जिसने आगे हो के बिलासपुर को कुछ नया दिलाया या कोई नही फैक्ट्री या संस्थान बिलासपुर को दिलवाया हो। जो स्वतह बिलासपुर की किस्मत से मिला उसको ही अपनी उपलब्धियों में शमिल कर के वाहवाही बस लिया।