नए कानून की अभिरक्षा में सुरक्षित होगी महिलाएं और बच्चियों- हर्षिता पांडेय
बिलासपुर।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में ब्रिटिश कालीन भारतीय आपराधिक प्रणाली में आमूल चूल बदलाव लाने तीन नए अध्यादेश प्रस्तुत किए जिसमे अन्य गंभीर अपराधों के साथ ही साथ महिलाओं व बच्चियों के प्रति होने वाले आपराधिक हिंसा को बड़ी ही गंभीरता से लिया है और इसमें सजा के कड़े प्रावधानों की सिफ़ारिश की गई है जो निश्चित ही स्वागत योग्य है जिसकी अभिरक्षा में महिलाएं अपने अधिकारों का खुल कर प्रयोग कर सकेंगी ,लोकसभा में शाह द्वारा लाए गए इस विधेयक के पक्ष में एक प्रेस नोट जारी कर राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पाण्डेय ने अपने वक्तव्य दिए
हर्षिता पांडेय ने अपने विज्ञप्ति में कहा कि इन कानूनों में बदलाव ठीक उस वक्त किया जा रहा जब छत्तीसगढ़ में सरकार द्वारा प्रस्तुत आँकड़ो के आधार पर विगत चार सालों में ही 5000 से भी अधिक महिलाओ के साथ दुष्कर्म हुआ, 46,116 महिलाएं आधिकारिक रूप से गायब हैं,छेड़खानी,हत्या व अपहरण जैसे संगीन अपराधों के 11,000 मामले प्रदेश के विभिन्न थानों में दर्ज हैं l राजस्थान,हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में महिलाओं व बच्चियों के प्रति अपराध दर में तेजी से वृद्धि हुई , गृह मंत्री ने नए कानून के माध्यम से ऐसे अपराधो के लिए कठोरतम सजा की पैरवी की है सरकार दण्ड प्रक्रिया सहिता संशोधन विधेयक 2023 के माध्यम से बलात्कार व सामूहिक दुष्कर्म पर 20 वर्ष तक की सजा का प्रावधान करने जा रही है 18 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म को फाँसी की सजा से जोड़ा जाएगा इसी तरह गलत पहचान बताकर यौन संबंध बनाने वाले पर आपराधिक मामले दर्ज होंगे इतना ही नहीं ऐसे मामले में जांच प्रक्रिया को भी महिलाओं के अनुकूल रखे गए हैं महिला न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा ही पीड़िता के घर पर ही माता पिता की उपस्थिति में जांच प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी इस दौरान पीड़िता के नाम गोपनीय रखे जायेंगे lनवीन क़ानून महिला सुरक्षा एवं अधिकारों के संगरक्षण में ये संशोधन मील का पत्थर साबित होंगे।
ब्यूरो रिपोर्ट