सीनियर आईपीएस जीपी सिंह का डीजीपी बनने का रास्ता साफ हलचल तेज़, पूर्व में दर्ज सभी एफआईआर रद्द होने के बाद मिली है बड़ी राहत
रायपुर। जीपी सिंह हो सकते प्रदेश के अगले डीजीपी हलचल तेज़, बर्खास्त आईपीएस जीपी सिंह के खिलाफ पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा दर्ज करवाई गई तीनों एफआईआर को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। कल हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में हुई सुनवाई में तीनों एफआईआर को द्वेषपूर्ण कार्यवाही का हिस्सा मान रद्द करने के आदेश दिए गए है। इसके बाद जीपी सिंह को बड़ी राहत मिली है।
इसके साथ ही अब जीपी सिंग का डीजीपी बनना तय माना जा रहा है। आपको बता दें जीपी तेज तर्रार आईपीएस अधिकारी माने जाते हैं। जीपी सिंग प्रदेश की कई जिलों में एसपी,आईजी के साथ एसीबी ईओडब्ल्यू के भी चीफ रह चुके हैं। प्रदेश में पुलिसिंग व्यवस्था को टाइट करने के लिए जीपी जैसे तेज तर्रार अधिकारी की जरूरत भी है,इस लिहाज से सरकार फैसले ले सकती है के जीपी को डीजीपी बनाया जाए। वर्तमान में प्रदेश के डीजीपी अशोक जुनेजा अभी एक्सटेंशन पर चल रहे हैं सरकार ने उनके कर्यकाल को ६ माह आगे बढ़ा दिया था। इसलिए जीपी सिंग प्रदेश के अगले डीजीपी हो सकते हैं।
1994 बैच के आईपीएस जीपी सिंह वर्तमान में बर्खास्त चल रहे हैं। उनके खिलाफ कांग्रेस सरकार ने एंटी करप्शन ब्यूरो में आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज करवाया था। इसके अलावा भिलाई के सुपेला थाने में एक्सटॉर्शन का मामला और रायपुर में राजद्रोह का मामला भी दर्ज करवाया गया था। तीनों के आधार पर उन्हें सेवा से बर्खास्त भी कर दिया गया था। तीनों मामलों में जीपी सिंह 120 दिन जेल में भी रहे थे। तीनों मामलों को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में जीपी सिंह ने अपने अधिवक्ता हिमांशु पांडेय और चंडीगढ़ के सीनियर काउंसिल रमेश गर्ग के माध्यम से याचिका लगाई थी।
ब्यूरो रिपोर्ट