हत्या के आरोपी को फांसी की सजा, दरिंदे ने पत्नी सहित अपने तीन मासूम की गला दबाकर कर दी थी हत्या, आरोपी को लेकर कोर्ट की तल्ख टिप्पणी

हत्या के आरोपी को फांसी की सजा, दरिंदे ने पत्नी सहित अपने तीन मासूम की गला दबाकर कर दी थी हत्या, आरोपी को लेकर कोर्ट की तल्ख टिप्पणी

बिलासपुर। बिलासपुर जिला एवं सत्र न्यायालय में मंगलवार को एक सुनवाई पर फैसला देते हुए आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने इस निर्दयता पूर्वक हुए हत्याकांड पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि,पत्नी की चरित्र पर शंका करने वाले पति ने ना तो पति का धर्म निभाया और ना ही पिता का जिन छोटे मासूमों को संरक्षण देना था जो खुद संरक्षक था वो हीं उसका भक्षक हो गया। शंका के चलते पूरे घर की बलि चढ़ा दी। कोर्ट ने इस जघन्य हत्याकांड के आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है,वह भी सजा जब तक मौत ना आ जाए।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश के अदालत में आज बीते जनवरी 2024 के आठ माह पूर्व केस में आज एक फैसला आया जिसमे आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई है।मामला मस्तूरी थाना क्षेत्र के ग्राम हिर्री का है,जहां 34 वर्षीय आरोपी उमेंद्र केवट ने अपनी पत्नी सुकृता केवट की चरित्र शंका पर रस्सी से गला दबाकर उसे मौत के घाट उतार दिया। आरोपी की दरिंदगी इस कदर हावी थी कि उसने अपने तीन छोटे मासूम दो पुत्री व एक पुत्र की भी निर्मम हत्या कर दी। आरोपी पूरे घटना के बाद खुद भी फांसी पर झूल कर मरने का प्रयास किया लेकिन रस्सी टूट जाने से वह बच गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश अविनाश के. त्रिपाठी की अदालत ने फैसला सुनाते हुए लिखा है कि न्यायिक दृष्टांतों के प्रकाश में प्रकरण के तथ्यों की परिपेक्ष में विचार किया गया मुक्त न्यायाधीश दृष्टांतों के आलोक में मात्र हत्या करने का तरीका ही होना नहीं कहा जा सकता। अपितु यह भी देखना है कि किन की हत्या की गई है। अभियुक्त ने 7 वर्ष पूर्व हुए उसके विवाह तथा उसके वैवाहिक जीवन से उत्पन्न तीन संतान जिसमें सबसे बड़ी पुत्री खुशी 5 वर्ष, दूसरी बेटी 3 वर्ष, तथा पुत्र पवन 18 माह, सहित अपनी पत्नी  सुकृता केवट उम्र 32 वर्ष की एक के बाद एक कर सबका रस्सी से गला घोटकर निर्मम हत्या किया है। यह कोई ऐसा आकस्मिक कारण नहीं था, जो अभियुक्त को इस जघन्य  अपराध करने का तत्कालीन कारण बना बनता हो।

ब्यूरो रिपोर्ट