केसी वेणुगोपाल- कांग्रेस में क्या गांधी परिवार के बाद सबसे मजबूत पावर सेंटर होते जा रहे है
नई दिल्ली। हाल ही में अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण कांग्रेस से निकाले जाने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम ने कहा कि फ़िलहाल कांग्रेस में सत्ता के पांच केंद्र हैं.
संजय निरुपम के मुताबिक़- पार्टी के पांच केंद्र सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल हैं.
निरुपम मुंबई उत्तर लोकसभा सीट से अपनी दावेदारी कर रहे थे लेकिन टिकट नहीं मिलने के कारण उन्होंने बग़ावती सुर अपना लिए थे जिसके बाद पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया. बाद में संजय निरुपम शिवसेना (शिंदे गुट) में शामिल हो गए.
संजय निरुपम ने पार्टी आलाकमान और पार्टी अध्यक्ष की क़तार में केसी वेणुगोपाल की गिनती कर पार्टी के क़द्दावर महासचिव के सियासी क़द को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया है या फिर केसी वेणुगोपाल वाक़ई कांग्रेस में सत्ता के पांचवें केंद्र बन गए हैं?
पार्टी के तमाम बड़े फ़ैसलों और दूसरी पार्टी के साथ साझेदारी की बातों में अंतिम फ़ैसला वेणुगोपाल के ज़रिए ही सार्वजनिक होता है.
2023 में बने इंडिया गठबंधन के संयोजन समिति के वे प्रभावी सदस्य हैं, हालांकि ये बात और है कि केसी वेणुगोपाल ख़ुद को बेहद लो प्रोफ़ाइल रखते आए हैं.
दक्षिण भारत से छपने वाले सबसे बड़े अंग्रेज़ी अख़बार में काम करने वाली एक वरिष्ठ महिला पत्रकार ने अपना नाम ज़ाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, "राहुल गांधी उन पर पूरी तरह विश्वास करते हैं और पिछले पांच-छह सालों में निश्चित रूप से केसी वेणुगोपाल कांग्रेस पार्टी के एक बहुत ही ताक़तवर नेता बनकर उभरे हैं."
कांग्रेस पार्टी को दशकों से कवर कर रहे रशीद क़िदवई कहते हैं, "कांग्रेस पार्टी के संविधान में ही ऐसा कुछ है कि महासचिव (संगठन) गांधी परिवार और अगर अध्यक्ष गांधी परिवार से बाहर का है तो उसके बाद सबसे शक्तिशाली पोस्ट है."
लेकिन क्या बात सिर्फ़ यही है कि उस पद के कारण ही वेणुगोपाल इतने ताक़तवर बन गए हैं?