पंचायत सचिवों के अनिश्चितकालीन हड़ताल से ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाये बाधित , नवनिर्वाचित सरपंचों का प्रभार भी अटका

पथरिया - जनपद क्षेत्र के 96 पंचायतों के सचिव पिछले चार दिनों से हड़ताल पर चले गए है इससे क्षेत्र के 150 गांवों के मूलभूत सुविधाये , विकास कार्य और जनकल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन बाधित ह्यो रहा है। अनिश्चित कालीन हड़ताल से ग्रामीण क्षेत्रों को ह्यो रही असुविधाओं का संज्ञान शासन को ह्यो चुका है इसलिये शासन ने संचालनय रायपुर के माध्यम से आदेश जारी कर सचिवों को काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया साथ ही अल्टीमेटम के अनुसार काम पर नही लौटने पर कार्यवाही की चेतावनी भी दी गई है । शुक्रवार को जारी आदेश से पंचायत सचिव घबराने के बजाय और अधिक आक्रोशित दिखे और जनपद स्थित धरना स्थल पर संचालनय से प्राप्त अल्टीमेटम को जलाकर अपना आक्रोश व्यक्त किया है ।इस अवसर पर सचिव संघ छत्तीसगढ़ के विकासखंड अध्यक्ष संतोष साहू ने कहा कि विधानसभा चुनाव के समय बीजेपी ने हमारा शासकीय करण करने की बात अपने मेनोफेस्टो में किया था लेकिन छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के लगभग 13 महीने बाद घोषणापत्र में किये गए मोदी की गारंटी को पूरा नही किया गया है जो हजारों पंचायत सचिवों के।साथ अन्याय है वही हमारी।मांगो पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने के बजाय हमे डराया जा रहा है लेकिन हम एक है और डरने वाले नही है ।
वही संघ के सचिव रामेश्वर साहू ने बताया शासकीयकरण की मांग कई वर्षों से कर रहे है , पूर्व में कांग्रेस की सरकार से भी मांग किया गया था नही माने तो आज विपक्ष में है । भारतीय जनता पार्टी ने भी हमारी मांगो को मोदी की गारंटी में शामिल किया था और वादा किया था कि 100 दिन में आपकी मांगों को पूरा किया जाएगा। लेकिन छत्तीसगढ़ की विष्णु देव सरकार मोदी गारंटी को पूरा नही कर रही और हमे हड़ताल के लिये मजबूर होना पड़ा है हमारी मांग पूरी होने तक पंचायत का कोई काम नहीं किया जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में संकट -
पंचायत सचिवों की मांग और शासन द्वारा अनिश्चित कालीन हड़ताल का हल नही निकाल पाने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या बनने लगी है । बढ़ते गरमी के कारण जल स्तर नीचे जाने लगा है और प्रतिवर्ष की तरह गरमी के दिनों के लिये पूर्व तैयारी होनी थी लेकिन सचिवों के हड़ताल में जाने से पंचायत का कार्य ठप्प पड़ा हुआ है नये राशनकार्ड और नवनीकरण के कार्य भी बंद है , इसी तरह किसानों के जमीन का पंजीयन कार्य और ग्रामीणों के आवास योजना प्रभावित हो रहा है इन सब से ग्रामीणों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है ।
सरपंचों का कार्यभार अटका -
सचिवों का हड़ताल जहाँ ग्रामीणों के क्लिय समस्याओं सबब बना हुआ है वही नवनिर्वाचित सरपंचों का कार्यभार भी अटक गया है इस कारण वो भी कुछ कर नही पा रहे। बता दे कि क्षेत्र के अस्सी फीसदी पंचायतों में एकदम नए है जिनका जनप्रतिधि होने का कोई अनुभव नही है उनको लिये चुनाव जीतने के बाद खाली बैठना पड़ रहा है और गाँव की समस्याओं का निराकरण भी नही कर पा रहे ।
बीआर ठाकुर एसडीएम पथरिया -
ग्रामीणों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए शासन स्तर पर हड़ताल खत्म करने 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है सचिवों द्वारा इसके उलंघन पर नियमानुसार कार्यवाही होगी।