बिलासपुर तहसील कार्यालय में बिना पैसे के नही होता कोई काम,हाईकोर्ट ने कलेक्टर और एसडीएम को शपथ पत्र के साथ उपस्थित होने के निर्देश,:जानिए क्या है पूरा मामला
बिलासपुर। बिलासपुर तहसील कार्यालय में डायवर्सन के नाम पर भ्रष्टाचार और बिना पैसे काम नहीं होने की शिकायत पर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है,जिस पर हाईकोर्ट संज्ञान लेकर बिलासपुर कलेक्टर को शपथ पत्र के साथ जवाब देने कहा है। हाइकोर्ट ने कलेक्टर से पूछा है कि डायवर्सन के कितने केस दर्ज हैं और कितने पेंडिंग हैं,साथ ही हाइकोर्ट चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिविजन बेंच ने बिलासपुर एसडीएम को भी तलब किया है।
जानिए क्या हैं पूरा मामला-बिलासपुर निवासी रोहणी दुबे ने बिलासपुर तहसील में डायवर्सन को लेकर आवेदन किया था,काफी समय बाद भी तहसील में इस मामले की ना तो सुनवाई हुई न ही इसका निराकरण किया गया। रोहणी दुबे को जानकारी मिली कि सिर्फ कुछ पैसों को लेकर यह प्रकरण रोका गया है,इस बात का विरोध करते हुए उन्होंने अधिकारियों से जवाब मांगा लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।इसके बाद रोहणी दुबे ने अपने अधिवक्ता राजीव दुबे के जरिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई, जिसमें कहा गया है कि तहसील कार्यालय में बिना पैसों के कुछ काम नहीं होता,तहसील कार्यालय में एसडीएम के नाक के नीचे जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। हाईकोर्ट चीफ जस्टिस के डिविजन बेंच ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बिलासपुर कलेक्टर से शपथ पत्र के साथ जवाब मांगा है और एसडीएम को 27 फरवरी की सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है।
इसके पहले भी कई मामलों में राजस्व प्रकरण को लेकर कई आवेदकों ने गंभीर आरोप तहसील कार्यालय के कर्मचारियों पर लगाए हैं। बिलासपुर तहसील कार्यालय में बिना पैसे के लेनदेन के कोई भी काम नहीं होता, आम लोग इससे काफी परेशान रहते हैं क्योंकि मामला जमीन से जुड़ा होता है इसलिए आवेदक कोई भी रिस्क लेना नहीं चाहते और लेनदेन को राजी हो जाते हैं।इसी का फायदा उठाकर तहसील कार्यालय के कर्मचारी और दलाल बिना पैसे के कोई काम नहीं करते।
ब्यूरो रिपोर्ट