*रीपा बना आजीविका का आधार, दोना पत्तल रोजगार इकाई से महिलाओं को मिला को मिला रोजगार*

*रीपा बना आजीविका का आधार, दोना पत्तल रोजगार इकाई से महिलाओं को मिला को मिला रोजगार*

बिलासपुर।ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से राज्य शासन महात्मा गॉंधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) के तहत ग्रामीणों को रोजगार के नए अवसर प्रदान कर रही हैं। रीपा में संचालित विभिन्न गतिविधियों से जुड़कर ग्रामीण महिलाएं भी व्यवसाय की बारीकी सीख उद्यमी बन रही है।


      मस्तूरी ब्लॉक के बेलटुकरी रीपा केंद्र में दोना पत्तल निर्माण इकाई की स्थापना की गयी है, जिसके संचालन का कार्य बिहान से जुड़ी वैष्णवी महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। समूह की अध्यक्ष शांति चंद्राकर ने बताया कि हमारे द्वारा दोना पत्तल निर्माण का कार्य मई माह से प्रारंभ किया गया है। जिससे अब तक उन्हें लगभग 25 हजार रुपये की आमदनी हो चुकी है। उत्पादित वस्तुओं को स्थानीय स्तर पर विक्रय किया जा रहा है एवं वर्तमान में सी‌ मार्ट के ऑर्डर भी मिल रहे है। समूह के सदस्यों ने कहा कि राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना रीपा के तहत हमें आजीविका का साधन मिला है, जिससे हम आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रहे है। अब वे अपने परिवार को आर्थिक मजबूती प्रदान करने में योगदान दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए विशेष रूप से कार्य किया जा रहा है। जिसका उन्हें सीधा लाभ मिल रहा है। महिलाओं ने कहा कि आज वे खुद आत्मनिर्भर बन रही है। परिवार के हर छोटे-बड़े के कार्य के लिए होने वाले खर्च में अपनी भी भागीदारी सुनिश्चित कर पा रही है। महिलाओं ने कहा कि गौठान को ग्रामीण औद्योगिक केन्द्र के रूप में विकसित कर उन्हें स्वावलंबी बनाया जा रहा है। यह अत्यंत सराहनीय कार्य है। सभी महिलाओं ने इस जनकल्याणकारी योजना को प्रारंभ करने के लिए राज्य सरकार का धन्यवाद दिया।

ब्यूरो रिपोर्ट