पार्षद चुनाव: गुरु गोविन्द सिंग वार्ड क्रमांक 29 में महासंग्राम होगा

पार्षद चुनाव: गुरु गोविन्द सिंग वार्ड क्रमांक 29 में महासंग्राम होगा

रायपुर। गुरु गोबिंद सिंग वार्ड इन दिनों सुर्खियों में है।यहां कांग्रेस में दावेदारों के बीच एक दूसरे के खिलाफ पोस्टर वार चल रहा है।भाजपा से जहां सहदेव महानंद और कैलाश बेहरा का नाम प्रमुखता से लिए जा रहा है वहीं पार्टी में वर्षों से सक्रिय प्रीतम महानंद का गुट भी जोरदार ताकत लगा रहा है।

भाजपा से ही ख़ेमा सागर हियाल अपने व्यवहार कुशलता के चलते जनता के बीच अच्छी छवि रखते हैं।इनके समर्थक टिकट को लेकर खूब प्रयास कर रहे हैं। जगन्नाथ जाल भाजपा में युवा चेहरा है इन्हें भाजपा के संगठन की तरफ से गंभीर प्रत्याशी माना जा रहा है।जगन्नाथ के अलावा छाया पार्षद राधेश्याम बाग  को लेकर भी चर्चा है कि पार्टी इन्हें रिपीट कर सकती है।

कांग्रेस में प्रबल दावेदारों में सेवक महानंद देव दिवान कुर्रे सजमन बाघ,पंकज चेलक के अलावा कांतू सोनी बाष्टो बेहरा तथा वर्तमान पार्षद पुरुषोत्तम बेहरा का नाम अब तक सामने आया है जिनमे देव दीवार कुर्रे और सजमन बाघ के बीच मामला अटका हुआ बताया जा रह है।

देव दिवान कुर्रे कांग्रेस से मौजूदा कार्यकाल में एल्डरमैन रहे हैं।पार्टी में युवा चेहरा हैं।सतनामी समाज के गुरु बालदास जी के करीबी रिश्तेदार हैं।

देवदिवान जिस समाज से हैं उसकी तादाद वार्ड में 500 के लगभग हैं वहीं सजमन बाघ जिस उत्कल समाज से हैं उसकी संख्या वार्ड में 6500 के आसपास बताई जाती है।

सजमन प्रदेश युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष रहे हैं।उत्कल समाज से राज्य में युवा कांग्रेस में वे अकेले प्रतिनिधि रहे है जो चुनाव लड़कर उपाध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुए ।राज्य के कद्दावर युवा नेताओं और संगठन के बीच सजमन अपनी कार्यशैली और व्यवहार को लेकर पसंद किए जाते हैं ।पार्टी में इन्हें संगठन का व्यक्ति कहा जाता है ।जिसके चलते सजमन का दावा मजबूत बताया जा रहा है।

यही वजह है कि सजमन की एंट्री से हड़बड़ाए एक गुट ने वार्ड में सजमन समर्थकों के द्वारा लगवाए गए पोस्टर बैनर फाड़ कर चुनावी माहौल को गरम कर दिया है।

भाजपा से जहां सभी दावेदार उत्कल समाज से हैं वहीं  कांग्रेस से एल्डरमैन देव दिवान समाज के बाहर के हैं।यह भी एक कारण है कि उत्कल बहुल इस वार्ड में देव और सजमन में सजमन का दावा मजबूत माना जा रहा है।

वार्ड के नागरिक कमल महानंदा ने कहा कि रायपुर रायपुर शहर की सभी सीटों पर उत्कल समाज बड़ी संख्या में है लेकिन उसका प्रनिधित्व नगण्य है।ऐसे में यदि समाज की बहुलता के बावजूद अगर समाज के बाहर के उम्मीदवार को अवसर दिया जाता है तो यह उत्कल लीडरशिप को खत्म करने का प्रयास माना जाएगा और इसका खामियाजा राजनीतिक दल को उठाना पड़ेगा।

गुरु गोबिंद सिंग वार्ड में इस बार लड़ाई रोचक मानी जा रहा है।भाजपा और कांग्रेस के लगभग सभी दावेदार दमदार बताए जा रहे हैं वहीं आर्थिक रूप से भी दावेदारों का सक्षम होना चुनाव को महासंग्राम में बदल सकता है।