आरटीआई की आड़ में अधिकारियो को लूटने और धमकाने का चल रहा काम
◆फर्जी पत्रकार और सीए की प्रताड़ना से भूपेश सरकार में अधिकारी हुए भयभीत
◆आरटीआई की आड़ में अधिकारियो को लूटने और धमकाने का चल रहा काम
छत्तीसगढ़ की राजधानी में एक सीए और फर्जी पत्रकार से अफसर प्रताड़ित बताये जा रहे है!फर्जीवाड़ा का कारोबार राजधानी में बड़े पैमाने पर होने लगा है।समाज में चार्टर अकाउंटेंट एक प्रतिष्ठित पद माना जाता है।वही राजधानी के एक सीए की चर्चा मुख्यमंत्री कार्यालय में भी बनी हुई है।इस सीए और फर्जी पत्रकार की शिकायत सीएम हाउस तक अधिकारियो ने कर दी है!अफसरो को धमका कर आरटीआई वापस लेने के नाम से भी वसूली की जाने की भी सुचना आ रही है!समाज मे एक तरफ सीए देश की अच्छी अर्थव्यवस्था बनाने में लगा रहता है वही राजधानी टैगोर नगर के इस एक सीए ने लूटपाट व ब्लैकमेलिंग का कारोबार करने का काम काफी समय से कर रहा है!अपनी मोटी कमाई के चक्कर मे अफसरों को धमकाने का काम भी बखूबी तरीके से कर रहा है।राजधानी में फर्जी पत्रकारिता करने वाले को अपने साथ रखकर आरटीआई लगवाकर अपनी दुकान चला रहा है।अफसरों को धमकाने का काम करने से भी यह लोग बाज नही आते है।राजधानी के एक सीए ने अपनी बंद होती दुकान को बचाने के लिए अपने पाले हुए कथित फर्जी पत्रकार के नाम से अफसरों को डराने का काम किया जा रहा है।सुनियोजित तरीके से यह काम अंजाम देने का गुणाभाग लगाने में लगे है।व्यवसायिक लोगो को डराने का काम करके मोटी रकम की वसूली भी करते आ रहा है। कथित फर्जी पत्रकार दल्ला बनकर अपने सीए मालिक के आदेश का पूरा पालन करता है।अफसरों के नाम से उलजुलूल सवालों को बनाकर मदमस्त सीए बनाकर देता है जिसको कथित पत्रकार शासकीय कार्यालयों में जाकर लगाता है।इन दोनों की जोड़ी की चर्चा आज कल राजधानी में बनी हुई है।कथित फर्जी पत्रकार अपना यूट्यूब चैनल बनाया हुआ है।अनपढ़ अज्ञानी पत्रकार के यूट्यूब चैनल में वीडियो की संख्या नही के बराबर है। देखा जाए तो यह यूट्यूब चैनल केवल ब्लैकमेलिंग के लिए सीए ने बनवाया है।इस यूट्यूब चैनल में वीडियो बनाकर वसूली का काम सीए और फर्जी पत्रकार करते आ रहे है।इस फर्जी पत्रकार को नेताओ व अफसरों के बंगले में भीख मांगते इसको देखा जा सकता है।इसकी यही दुकानदारी है अपने आपको पत्रकार बताकर शासकीय अफसरों के पास खाना खाने के लिए पैसा मांगते भी देखा जा सकता है।इस कथित फर्जी पत्रकार के यूट्यूब चैनल में 50 सब्सक्राइबर भी नही है।और यह अपने आपको पत्रकार बताकर अपनी वसूली की दुकान चलाते आ रहा है।
कुल मिलाकर सीए संगठन को इस मामले में कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए। ऐसे ठगराज सीए को तत्काल अपने संगठन से अलग करने के साथ ही इसका लाइसेंस भी रद्द करना चाहिए।साथ ही जनसंपर्क के बड़े अधिकारियो को भी ऐसे फर्जी पत्रकार पर भी मामला कायम करवाकर जेल में डालना चाहिए!इन फर्जी पत्रकारों की वजह से अच्छे पत्रकार बदनाम होते है!