एक तरफ शहर की पार्किंग व्यवस्था सुधारने कलेक्टर,कमिश्नर उतरे हैं सड़को पर, दुसरी तरफ पार्किंग की जमीन पर बिल्डर करा रहा अवैध निर्माण
बिलासपुर। शहर में पार्किंग व्यवस्था बनाना बड़ी चुनौती है एक तरफ जहां बिलासपुर शहर की पार्किंग व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए बिलासपुर कलेक्टर,निगम कमिश्नर,जिले के पुलिस कप्तान सड़को पर निकल कर पसीना बहाते नजर आ रहे है।वही दूसरी तरफ बिलासपुर के लिंक रोड स्थित चिनार कांप्लेक्स (जो अब वसीर अहमद काम्प्लेक्स नाम से जाना जाता है ) में अवैध तरीके से पार्किंग स्थल पर निर्माण कर बिल्डर द्वारा कब्जा करने की कोशिश की जा रही है। जिसकी शिकायत की गई है। दुकानदारों और रहवासियों को गाड़ी पार्किंग की समस्या से हर पल परेशान होना पड़ रहा है। कांपलेक्स का मालिक बिना किसी डर भय के बिना किसी अनुमति से पार्किंग के लिए आरक्षित भूमि पर अवैध तरीके से निर्माण कर कब्जा कर रहा है। अब इस मामले की शिकायत बिलासपुर नगर निगम आयुक्त से की गई है। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि कई बार अवैध निर्माण को रोकने के लिए जमीन मालिक को कहा गया पर अपनी ऊंची पहुंच होने का हवाला दिखा कर पार्किंग की जगह ऊपर जबरन कब्जा किए जा रहा है। शिकायतकर्ता ने बताया कि निगम से इस कांपलेक्स के निर्माण के लिए अनुमति लेने के समय बिल्डर ने जो नक्शा पास करवाया था उसमे यह जमीन पार्किंग और आवागमन रास्ते के लिए दर्शाई गई है। इतना ही नहीं पहले भी पार्किंग के जगह पर स्थाई कब्जा बिल्डर द्वारा किया जा चुका है।
शिकायतकर्ता एवं यहां के रहवासियों का कहना है कि पहले बिल्डर द्वारा नक्शे में हेर फेर करते हुए कई अवैध निर्माण करवाए जा चुके है जिसकी शिकायत पहले भी निगम के अधिकारियों से की गई थी लेकिन कार्यवाही नही होने से बिल्डर के हौसले लगातार बढ़ते जा रहे है। रहवासीयो ने अपनी शिकायत में बताया कि यहां के फ्लैट भी जर्जर हो चुके है और कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। लेकिन ना तो निगम के अधिकारीयो ने इसे गंभीरता से लिया और ना बिल्डर ने, जिसके कारण कभी भी बड़ी जानहानी की आशंका बनी हुई है। फिलहाल शहर के लिए सबसे बड़ा अभिशाप बन चुके पार्किंग की समस्या को ही माना जाता है। निगम के अधिकारियों पर भी आरोप लगता रहा है की उन्होंने शहर के कई इलाकों में काम्प्लेक्स का नक्शा पास करने में पार्किंग प्लान पर ध्यान नहीं दिया। जिसके कारण आज भी आम जनता को गाड़ी खड़ी करने के लिए पार्किंग की समस्या से जूझना पड़ता है। जिस तरह बसीर अहमद कामलेक्स में पार्किंग में बिल्डर द्वारा कब्जा किया जा रहा और शिकायत के बाद भी कार्यवाही नही हो रही है उसके बाद से एक बार फिर निगम के अधिकारी कटघरे में खड़े नजर आ रहे है।
गौरतलब है कि कई व्यावासिक प्रतिष्ठान द्वारा पार्किंग के लिए चिन्हित जमीन पर अवैध निर्माण किया जा चुका है। जिसके खिलाफ निगम अमले ने मुहिम भी छेड़ी हुई है,बड़ा सवाल निगम का अमला कब तक इस कांप्लेक्स तक पहुंच पाता है। कितनी जल्दी नामचीन बिल्डर के अवैध निर्माण से रहवासियों और दुकानदारों को निजात दिला पाता है। लाखो रुपए देकर दुकान और घर खरीदने वालों को गाड़ी खड़े करने के लिए परेशान न होना पड़े और जर्जर हो चुके फ्लेटो को समय रहते दुरुस्त कर लोगो की जान को सुरक्षित रख पाता है,या फिर हर बार की तरह जिम्मेदार अधिकारी किसी बड़े हादसे होने का इंतजार करते है।
ब्यूरो रिपोर्ट