जर्जर भवनों में चल रहा ब्लाक मुख्यालय के सरकारी कार्यालय , जिला बनने के 10 सालों बाद भी नही मिला लाभ
पथरिया - ब्लाक मुख्यालय स्थित सरकारी कार्यालयों का भवन जानलेवा ह्यो चुका है एसडीएम , तहसीलदार और जनपद पंचायत, बीएमओ कार्यालय को छोड़कर बाकी सभी शासकीय भवन जर्जर और छतिग्रस्त ह्यो चुके है फिर भी ब्लाक स्तर के विभाग प्रमुख इन्ही जर्जर भवनों से जनसेवा के योजनाओं का क्रियान्वयन कर रहे है । सरकारी कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर अनफिट भवनों में बैठ रहे है और सरकारी कामकाज निपटा रहे है । 11 साल पहले जब मुंगेली जिला बना तो जिला के साथ साथ ब्लाक मुख्यालय के शासकीय भवनों के दिन बहुरने की आस लगाई गई थी लेकिन जिला बनने के सालों बाद भी यहां 30 से 40 वर्ष पहले बने शासकीय भवनों से ही काम चलाना मजबूरी बन चूका है ।इन भवनों से छत के प्लास्टर आये दिन टपकते रहते है इससे पिछले एक वर्ष में दर्जनभर कर्मचारी मामूली या गंभीर रूप से घायल हो चुके है सभी विभाग प्रमुखों ने अपने अपने स्तर से भवन के लिये उच्च अधिकारियों को सूचना दी है पर उस पर कोई कार्यवाही नही दिखती ।
इन सरकारी भवनों का हाल खस्ता -
नगर स्थित वरिष्ट कृषि अधिकारी , विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी , महिला एवं बाल विकास विभाग , एसडीओ इरीगेशन , जिला सहकारी बैंक, पोस्ट आफिस , खंड पशु चिकित्सा भवन, एसडीओ पीएचई कार्यालय, प्रमुख है इन कार्यालयों में भवन इतने जर्जर हो चुके है कि कोई दुर्घटना भी घट सकती है इसी तरह नगर के आंगनबाड़ी केंद्र भी जर्जर हो चुके है जहां प्रतिदिन छोटे छोटे बच्चे बैठकर सूखा या पका भोजन ग्रहण करते है ।
उधार के भवनों से जनसेवा -
ब्लाक मुख्यालय के कई बड़े विभाग जिनका सम्बन्ध ग्रामीण क्षेत्रो में शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन से है वे उधार के भवनों में चल रहे है इसमें जनपद कालोनी के जर्जर भवन में संचालित सिंचाई विभाग , नगर पंचायत के भवन में पीएचई विभाग , जनपद के भवन में चल रहे पोस्ट आफिस , इसी कंपाउंड में बीईओ आफिस , है जिनके पास खुद का भवन नही है और ये दूसरे विभाग के जर्जर भवन पर चल रहे है बता दे कि नगर पंचायत द्वारा पीएचई विभाग को भवन खाली करने के लिये नोटिस भी दिया जा चुका है ।बहरहाल ये सरकारी कार्यलय उधारर के भवनों से जनसेवा कर रहे है ।
टपकते ,जर्जर भवनों में अभिलेख कैसे रहेंगे सुरक्षित -
पुराने सरकारी कार्यालय के दीवारों में सीलन और छत के टूटने से बरसात भर टपके भवन जहाँ एक ओर अधिकारियों कर्मचारियों के जान के लिये खतरा तो बना ही है साथ ही पुराने और महवत्पूर्ण रिकॉर्ड अभलेख भी खराब हो रहे है जो अधिकारी कर्मचारियों के लिये परेशानी का सबब बन चुके है ।