*Breaking: साइबर फ्रॉड पर पुलिस का बड़ा एक्शन, एक करोड़ से अधिक के धोखाधड़ी पर बिलासपुर पुलिस की संयुक्त टीम ने आठ आरोपियों को किया गिरफ्तार*

*Breaking: साइबर फ्रॉड पर पुलिस का बड़ा एक्शन, एक करोड़ से अधिक के धोखाधड़ी पर बिलासपुर पुलिस की संयुक्त टीम ने आठ आरोपियों को किया गिरफ्तार*

बिलासपुर।  ऑनलाईन सायबर फ्रॉड के अवैध लेन-देन हेतु उपलबद्ध कराये गये फर्जी बैंक अकाउंट (म्यूल अकाउंट) धारको पर बिलासपुर पुलिस का ’’प्रहार’’  ’’म्यूल अकाउंट होल्डर’’ के विरूद्ध बिलासपुर रेंज साइबर थाना में दर्ज किया गया मामला।  पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज संजीव शुक्ला के निर्देशन एवं रजनेश सिंह (भा.पु.से.) वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बिलासपुर के मार्गदर्शन में ’’म्यूल अकाउंट’’ के विरूद्ध की गई प्रभावी कार्यवाही।

रेंज सायबर थाना बिलासपुर एवं ए.सी.सी.यू. बिलासपुर की संयुक्त टीम द्वारा ’’म्यूल अकाउंट’’ को चिन्हांकित 08 आरोपियों को किया गया गिरफ्तार रेंज सायबर थाना बिलाासपुर पुलिस द्वारा अलग-अलग टीम बनाकर संदिग्धो को तकनीकी साक्ष्य के आधार पर चिन्हांकित कर रेड कर की गई प्रभावी कार्यवाही।
 प्रकरण में गिरफ्तार आरोपियों के म्यूल बैंक खातों से कुल 1,30,50,636 (एक करोड़ तीस लाख पच्चास हजार छःसौ छत्तीस) रूपये का वित्तीय धोखाधडी होना पाया गया है।

 पुलिस महानिरीक्षक संजीव शुक्ला बिलासपुर रेंज बिलासपुर के निर्देशन एवं रजनेश सिंह (भा.पु.से.) वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बिलासपुर के मार्गदर्शन में ’’म्यूल अकाउंट’’ के विरूद्ध साइबर क्राईम पोर्टल में रिपोर्टेड म्यूल बैंक अकाउंट की जांच करने हेतु योजना तैयार कर रेंज साइबर थाना बिलासपुर को निर्देशित किया गया था। प्रारम्भिक जांच पर नेशनल साइबर क्राईम पोर्टल में संदिग्ध्य पाये गये बैंक खातो को चिन्हांकित किया गया है ’’म्यूल बैंक’’ खातों के संबंध में तकनीकी जानकारी/बैंक स्टेटमेंट की जांच की गई। जांच कार्यवाही में पीड़ितों से संपर्क कर उनसे घटना के संबंध में जानकारी एकत्र किया गया। नेशनल साइबर क्राईम पोर्टल की रिपोर्ट, बैंक खाता में हुए ट्रांजेक्शन एवं अन्य तकनीकी साक्ष्य के आधार पर बैंक अकाउंट खुलवाने तथा अकाउंट का डिजिटल अरेस्ट, शेयर ट्रेडिंग फर्जी ऐप, क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट, गूगल रिव्यू टास्क, टेलीग्राम टास्क, बैंक केवाईसी अपडेट एवं गूगल सर्च जैसे विभिन्न साइबर अपराध में उपयोग करने वाले लोगों को चिन्हांकित किया गया। रेंज सायबर थाना बिलासपुर एवं एसीसीयू बिलासपुर की संयुक्त टीम बनाकर तकनीकी जानकारी के आधार संभावित ठिकानों में दबिश देक 08 आरोपियों कों गिरफ्तार किया गया। उपरोक्त कार्यवाही में राजेन्द्र जायसवाल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर बिलासपुर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अनुज कुमार, उप पुलिस अधीक्षक निमितेश सिंह सी.एस.पी. सिविल लाईन के मार्गदर्शन में निरीक्षक राजेश मिश्रा प्रभारी रेंज सायबर थाना बिलासपुर निरीक्षक रविशंकर तिवारी, सउनि सुरेश पाठक प्रधान आरक्षक सैय्यद साजिद, विक्कू सिंह ठाकुर, दिग्विजय सिंह, देवमूनसिंह पुहूप आरक्षक बोधुराम कुम्हार, प्रशांत सिंह, विजेन्द्र सिंह, मुकुन्द नेताम, दीपक उपाध्याय, श्रीष तिवारी, चिरंजीव, का विशेष योगदान रहा।

गिरफ्तार किए गए आरोपी:
1. अब्दूल आदिल पिता अब्दूल जमालखान उम्र 21 वर्ष निवासी तालापारा बजरंग चौंक ख्वाजानगर थाना सिविल लाईन बिलासपुर (छ.ग.)
2. संदीप श्रीवास पिता राजकुमार श्रीवास उम्र 30 वर्ष निवासी आर.के.रेसीडेंसी तिफरा थाना सिरगिट्टी जिला बिलासपुर (छ.ग.)
3. विकास केंवट पिता दिलीप केंवट उम्र 31 वर्ष निवासी वार्ड नम्बर 05 रतनपुर थाना रतनपुर जिला बिलासपुर (छ.ग.)
4. समीर कश्यप पिता शिवकुमार कश्यप उम्र 31 वर्ष निवासी महामायापारा वार्ड नम्बर 03 रतनपुर थाना रतनपुर जिला बिलासपुर (छ.ग.)
5. कलेश कुमार धिवर पिता गंगाराम धिवर उम्र 28 वर्ष निवासी सोनारपारा वार्ड नम्बर 04 रतनपुर थाना रतनपुर जिला बिलासपुर (छ.ग.)
6. नागेश्वर ठाकूर पिता बीनू सिंह ठाकूर उम्र 25 वर्ष निवासी आदर्श नगर सिरगिट्टी थाना सिरगिट्टी जिला बिलासपुर (छ.ग.)
7. करन सिंह ठाकूर पिता बीनू सिंह ठाकूर उम्र 33 वर्ष निवासी आदर्श नगर सिरगिट्टी थाना सिरगिट्टी जिला बिलासपुर (छ.ग.)
8. परमेश्वर जायसवाल पिता सुकराम जायसवाल उम्र 21 वर्ष निवासी हिर्री माईंस वार्ड नं. 16 थाना चकरभाठा जिला बिलासपुर शामिल है।

बिलासपुर पुलिस की अपील:-
मनी म्यूल’’ बनना एक गंभीर अपराध है’, अपना बैंक खाता तथा मोबाईल सीम उपयोग के लिये किसी भी अन्य व्यक्ति को न दे वह आपके बैंक खाता और सीम का उपयोग सायबर अपराध में कर सकता है, जिससे आपके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही हो सकती है। यदि कोई व्यक्ति आपका बैंक खाता व मोबाईल सीम की मांग किसी भी प्रकार का प्रलोभन देकर करता है तो इसकी सूचना तत्काल नजदीकी थाना अथवा पुलिस नियंत्रण कक्ष में देवें। 

’’मनी म्यूल’’ में किसी व्यक्ति के बैंक अकाउंट, डिजिटल वॉलेट या अन्य वित्तीय माध्यमों का उपयोग साइबर अपराधी ठगी की रकम या अवैध धन को प्राप्त करने के लिये एक खाते से दुसरे खातें में ट्रांसफर करने में करते हैं।
 डवकने व्चतंदकप रू. 
 साइबर अपराधी गैरकानूनी तरीकों से पैसे प्राप्त करते हैं। 
 ठगी से अर्जित रकम को ठिकाने लगाने के लिए बैंक खाते या वॉलेट की जरूरत पड़ती है, इसके लिए सायबर अपराधी किसी व्यक्ति को पैसा, नौकरी, इनाम या निवेश का लालच देकर अपने जाल में फंसाते हैं और उनके खातों का उपयोग करते है। 
 मनी म्यूल अवैध धन को अपने खाते से किसी और खाते में भेजता है, जिससे अपराधियों की पहचान छिपी रहे। 
कानूनी कार्यवाही व सावधानियां:- 
  यदि आपके बैंक खातें में ठगी की रकम जमा हुई है या हो रही है तो आप पर मनी लॉनिं्ड्रग के आरोप लग सकते हैं। 
 बैंक खाते और संपत्तियों को जप्त किया जा सकता है। 
 जेल या जुर्माना लगाया जा सकता है, भले ही वह व्यक्ति अनजाने में शामिल हुआ हो। 
 धारा 3(5) बी.एन.एस. के तहत मनी म्युल भी उस अपराध के लिए उतना ही जिम्मेदार होगा जितना की मुख्य अपराधी।
 अनजान स्रोतों से धन प्राप्त करने से बचें। 
 अपने बैंक खाते और वित्तीय जानकारी किसी के साथ साझा नहीं करें। 
 यदि बैंक खाते में कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे, तो तुरंत संबंधित बैंक या पुलिस को सूचित करें।


ब्यूरो रिपोर्ट