*कलेक्टर राहुल देव ने बेमौसम बारिश से धान को सुरक्षित रखने के दिए निर्देश* *जिले में 08 लाख 16 हजार क्विंटल से अधिक धान की हुई खरीदी

*कलेक्टर राहुल देव ने बेमौसम बारिश से धान को सुरक्षित रखने के दिए निर्देश*  *जिले में 08 लाख 16 हजार क्विंटल से अधिक धान की हुई खरीदी

मुंगेली । राज्य शासन के निर्देशानुसार जिले के धान उपार्जन केंद्रों में अब तक 08 लाख 16 हजार 753 क्विंटल से अधिक धान की खरीदी की जा चुकी है। जिसमें 07 लाख 06 हजार 712 क्विंटल मोटा, 02 हजार 609 क्विंटल पतला और 01 लाख 07 हजार 432 क्विंटल सरना धान शामिल है। खरीदे गए कुल धान में से 07 लाख 57 हजार 160 क्विंटल धान का उठाव हेतु डीओ जारी कर मुंगेली जिला प्रदेश में प्रथम स्थान पर है। बता दें कि जारी डीओ में से 03 लाख 31 हजार 788 क्विंटल मोटा, 01 हजार 440 क्विंटल पतला और 47 हजार 360 क्विंटल सरना धान मिलाकर कुल 03 लाख 80 हजार 588 क्विंटल धान का उठाव भी हो चुका है।       
                          कलेक्टर  राहुल देव ने आज संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर जिले के धान उपार्जन केंद्रों में की जा रही अब तक कुल धान खरीदी एवं उठाव, धान के सुरक्षित रख रखाव, बारदाने की उपलब्धता, किसानों का पंजीयन आदि के संबंध में जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि धान खरीदी शासन की प्राथमिकता का कार्य है, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होने उपार्जन केन्द्रों में खरीदी पश्चात रखे गए शेष धान को बेमौसम बारिश से सुरक्षित रखने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि उपार्जन केन्द्रों में पर्याप्त मात्रा में कैप कव्हर और पानी के निकासी हेतु आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित होना चाहिए। 
                           कलेक्टर ने राइस मिलों के पंजीयन की जानकारी लेते हुए धान के उठाव में और तेजी लाने के लिए लक्ष्य के अनुरूप मिलर्स को डीओ जारी करने तथा संबंधित नोडल अधिकारियों को धान उपार्जन केन्द्रों का सतत् निरीक्षण करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर प्रभारी खाद्य अधिकारी देवेन्द्र बग्गा, एआरसीएस  हितेश श्रीवास, सीसीबी नोडल  संतोष सिंह ठाकुर, डीएमओं शीतल भोई सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे। गौरतलब है कि जिले में कलेक्टर के मार्गदर्शन में सुव्यवथित धान खरीदी की जा रही है। बेमौसम बारिश से बचाव हेतु उपार्जन केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में कैप कव्हर व पानी के निकासी हेतु आवश्यक व्यवस्था की गई है। खरीदे गए धान का उठाव भी तेजी से किया जा रहा है। उपार्जन केंद्रों में अवैध रूप से धान खपाने वाले कोचिंयों एवं बिचैलियों पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है।