*महाशिवरात्रि पर्व आज: जानिए भगवान शिव के सर्वमान्य मंत्र, होती है सभी मनोकामनाएं पूरी*

महाशिवरात्रि का अर्थ है 'शिव की रात'. महाशिवरात्रि भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा प्रकट करने का एक विशेष अवसर माना जाता हैं। एक पौराणिक कथा के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर पहली बार भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग में प्रकट हुए थे और इसे महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है महाशिवरात्रि के दिन जो भक्त पूरी श्रद्धा भक्ति से भगवान शिव की पूजा आराधना करता है उसकी सभी मनोकामनायें पूर्ण होती है।
*इस मंत्र के करने से मिलती है भगवान शिव की कृपा*
शिव महापुराण के अनुसार भगवान शिव का पंचाक्षर मंत्र 'ॐ नमः शिवाय' है. यह मंत्र शिव पूजा का सर्वमान्य मंत्र माना जाता है,इस मंत्र का जाप करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
शिव पंचाक्षर मंत्र के बारे में ज़्यादा जानकारी
ऐसी मान्यता है जो भक्त इस मंत्र का जाप करते है उनके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं,इस मंत्र का जाप करने से संपूर्ण शास्त्र ज्ञान और शुभ कार्यों का ज्ञान मिलता है। कहा जाता है इस मंत्र का जाप करने से हर मुराद पूरी होती है,यह मंत्र पांच तत्वों को प्रतिनिधित करता है। भगवान शिव के इस इस मंत्र के पहले अक्षर 'न' का अर्थ है नागेंद्र यानी नागों को धारण करने वाले।
इस मंत्र के पहले अक्षर 'न' का अर्थ निरंतर शुद्ध रहना भी है।
शिव पंचाक्षर मंत्र का जाप करने इन बातो का विशेष ध्यान रखे
स्नान करके साफ़ कपड़े पहनें, स्वच्छ और शांत जगह पर बैठें,
अपने हाथों में जल लेकर मंत्र जाप करने का संकल्प लें, उसके बाद ॐनमः शिवाय' मंत्र का जाप करें. मंत्र जाप करते समय मन को एकाग्र रखें,जाप के बाद, अपने हाथों में लिए जल को ज़मीन पर छोड़ दें.रुद्राक्ष की 108 दाने की माला पर जाप करें।