CG News: कानफोडू डीजे के संबंध मे प्रकाशित खबरों को चीफ जस्टिस ने लिया संज्ञान, कहा राज्य के अधिकारीयों की तरफ से यह अपमानजनक कृत्य,मुख्य सचिव से मांगा हलफनामा

CG News: कानफोडू डीजे के संबंध मे प्रकाशित खबरों को चीफ जस्टिस ने लिया संज्ञान, कहा राज्य के अधिकारीयों की तरफ से यह अपमानजनक कृत्य,मुख्य सचिव से मांगा हलफनामा

बिलासपुर। त्योहारों के मौसम में बजने वाले कानफोड़ू  डीजे से जनता को हो रही परेशानी को चीफ जस्टिस ने संज्ञान लिया है। अखबारों में इस संबंध में छप रही खबरों को संज्ञान में लेकर चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने मुख्य सचिव से हलफनामा मांगा है। 

त्यौहारी सीजन में कानफोड़ू डीजे के चलते बुजुर्गों के साथ ही बच्चों व  आम लोगों को लगातार परेशानी झेलनी पड़ती है। हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में कई गाइडलाइन तय करते हुए कई बार  पूर्व में निर्देश जारी किए है। बावजूद इसके डीजे के शोर पर लगाम नहीं लग पा रही है। डीजे की तेज आवाज से हो रही परेशानी को देखते हुए मीडिया ने भी इसकी खबरें प्रमुखता से प्रसारित की है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 6 दिसंबर 2016 को भी हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी कलेक्टर एसपी को डीजे पर लगाम लगाने के निर्देश जारी किए थे। बावजूद इसके डीजे का शोर नहीं थमा। 

अखबारों की खबरों को संज्ञान में लेते हुए चीफ जस्टिस ने स्वतः  संज्ञान ले लिया है। चीफ जस्टिस व जस्टिस नरेंद्र चंद्रवंशी की बेंच ने सुनवाई करते हुए wppil  88/2023 दर्ज कर सुनवाई की। तथा सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय द्वारा पूर्व में जारी आदेशों को ध्यान में रखते हुए अंतरिम आदेश पारित किया है।

चीफ जस्टिस ने माना कि बिलासपुर शहर में ध्वनि प्रदूषण की वर्तमान स्थिति बदहाल है,जो की समाचारों की कतरनों से भी स्पष्ट है। यह जिम्मेदार राज्य अधिकारियों के अपमानजनक कृत्य के अलावा और कुछ नहीं है। वे ध्वनि प्रदूषण के खतरे को रोकने कोई भी प्रयास करने में असफल रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय के साथ साथ उच्च न्यायालय द्वारा विभिन्न आदेश व निर्देश पारित करने के बाद भी  स्थिति जस की तस बनी हुई है। 

इस संबंध में एक जनहित याचिका पर दिसंबर 2016 को हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी कलेक्टर और एसपी को निर्देश जारी कर डीजे ना बजने के लिए आदेश जारी किए थे। साउंड बॉक्स बजाने  पर जिस गाड़ी में यह रख कर बजाया जा रहा है उसका रिकार्ड रखने और दूसरी बार उसी गाड़ी पर साउंड बॉक्स बजाए जाने पर उस वाहन का परमिट निरस्त किए जाने और बिना हाईकोर्ट के आदेश के कोई नया फॉर्मेट जारी नहीं करने के निर्देश उच्च न्यायालय ने दिए थे। लेकिन कोर्ट के आदेश का आज तक पालन नहीं हुआ है और शहर में कई अवसरों पर तेज आवाज में डीजे बजाया जा रहा है इससे लोगों को भारी दिक्कत होने के साथ ध्वनि संबंधी बीमारियां होने का खतरा बढ़ रहा हैं। 

पिछले साल 19 फरवरी को हाई कोर्ट में डीजे से प्रदूषण पर दायर एक अवमानना याचिका पर  सुनवाई करते हुए महाधिवक्ता  कार्यालय को शासन से दिशा निर्देश लेने को कहा था कि कोर्ट के आदेश पर क्या कार्रवाई की जा रही है  छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति रायपुर ने यह याचिका दायर की थी।

सुनवाई के दौरान युगल पीठ ने नाराजगी जाहिर करते हुए छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यसचिव को हलफनामा देकर यह बताने को कहा है कि उत्सवों के अवसर के दौरान ध्वनि विस्तारक यंत्रों, डीजे द्वारा उत्पन्न ध्वनि विस्तारक यंत्रों,डीजे द्वारा उत्पन्न ध्वनि प्रदूषण के खतरे को खत्म करने के लिए क्या प्रयास किए गए। कोर्ट ने इस संबंध में एक विस्तृत शपथपत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

MorNews ने प्रशासन द्वारा जारी की गई गाइड लाइन पर ख़बर किया था प्रकाशित

गणेश मूर्ति विसर्जन के लिए कलेक्टर ने जारी किए दिशा निर्देश,जन्माष्टमी की तरह सिर्फ कागजों तक ही सीमित न रह जाए जिला प्रशासन की गाइडलाइन


बिलासपुर। 14/9/2023 - कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी संजीव झा ने गणेश विसर्जन को लेकर नदी तालाबों में आयोजित गणेश मूर्ति विसर्जन के लिए गाइडलाइन जारी किए हैं।लेकिन जिला प्रशासन की  गाइडलाइन कृष्ण जन्माष्टमी की तरह सिर्फ कागजों पर सीमित ना रह जाए। क्युकी कृष्ण जन्माष्टमी पर देखा गया कि जन्माष्टमी में मटकी फोड़ने के लिए पावर जोन डीजे का भरपूर रूप से इस्तेमाल किया गया था। और पूरे एक हफ्ते तक शहर में मटकी फोड़ का आयोजन चलता रहा। जबकि प्रशासन की गाइडलाइन में सिर्फ पर्व के दिन ही इसकी अनुमति दी गई थीं। गाइडलाइन में पावरजोन और तेज आवाज में डीजे प्रतिबंध किया गया था,इसके बावजूद समितियों ने इसका भरपूर इस्तेमाल किया पुरे शहर में कान फोड़ डीजे और पावर जोन बजते रहे।जन्माष्टमी में बीच शहर और चौक चौराहों में मटकी फोड़ने ऐसी भीड़ रही के कई कई घंटे आम जनता जाम में फंसे रहे। यहां तक देखा गया की एम्बुलेंस भी इस भिड़ में फसे रहे।जानकारी के अनुसार प्रशासन ऐसे लोगों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।वही अब गणेश विसर्जन को लेकर गाइड लाइन जारी की गई है।अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन की गाइडलाइन सिर्फ कागजों में ही सीमित ना रह जाए। 

उधर गणेश विसर्जन को लेकर एडीएम ने गाइड लाइन जारी किए हैं,जो सिर्फ कागजों तक ही सीमित ना रह जाए ? 
जिला प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार अत्यधिक मूर्ति विसर्जन से जल स्त्रोतों की गुणवत्ता प्रभावित होती है, जिसके फलस्वरूप न केवल जलीयजीव-जंतुओं की जान को खतरा उत्पन्न होता है, अपितु जल प्रदूषण की स्थिति भी उत्पन्न होती है। लिहाजा आगामी गणेश उत्सव एवं दुर्गा उत्सव पर्व पर जल स्त्रोतों को प्रदूषण से बचाने हेतु मूर्ति विसर्जन शासन के गाईडलाईन अनुसार किया जाना है।

जिला प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन के मुख्य बिन्दु-

नदी और तालाब में विसर्जन पौंड, बन्ड,अस्थायी पौंड का निर्माण किया जाकर मूर्ति एवं पूजा सामग्री जैसे फूल, वस्त्र, कागज एवं प्लास्टिक से बनी सजावट की वस्तुत इत्यादि मूर्ति विसर्जन के पूर्व अलग कर ली जाये तथा इसका अपवहन उचित तरीके से किया जाना है। जिससे नदी व तालाब में प्रदूषण की स्थिति नियंत्रित किया जा सके। इसका निर्माण नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशानुसार पूर्ण कर लिया जाये।
 मूर्ति निर्माताओं को मूर्ति निर्माण हेतु लाईसेंस प्रदान करते समय मान्य एवं अमान्य तत्वों की सूची प्रदान की जाये। यह सुनिश्चित किया जाये कि मूर्तियां केवल प्राकृतिक जैव अपघटनीय ईको फ्रेंडली कच्चे माल से ही बनाई जाए। मूर्ति निर्माण में प्लास्टर ऑफ पैरिस,प्लास्टिक, थर्मोकोल और बेक्ड क्ले का उपयोग न किया जाये। मूर्ति के सजावट हेतु सूखे फूल संघटकों आदि और प्राकृतिक रेजिन का इस्तेमाल किया जाये एवं मूर्ति की उँचाई कम से कम रखी जाये। वेस्ट मटेरियल विसर्जन स्थल पर जलाना एवं फटाके फोड़ना प्रतिबंधित किया जाये। मूर्ति विसर्जन के दौरान पावर जोन का तेज आवाज में इस्तेमाल करना एवं बेस का इस्तेमाल करना प्रतिबंधित किया जाये। बच्चे एवं शराबियों को विसर्जन स्थल में प्रतिबंधित किया जाये एवं तैराकों गोताखोरो के साथ पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल विसर्जन स्थल में तैनात किया जाये। नगर निगम बिलासपुर द्वारा मूर्ति विसर्जन हेतु स्थल का चयन कर प्रचार प्रसार करे। तथा निर्धारित स्थल पर ही मूर्ति विसर्जन की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। गाईडलाईन के नियमों का अवमानना करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिये जाए।

ब्यूरो रिपोर्ट