लोक अदालत में अधिक से अधिक राजीनामा योग्य प्रकरणों का करें निराकरण : चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा *चीफ जस्टिस ने वीसी के जरिए बैठक लेकर लोक अदालत की तैयारी की समीक्षा की*

लोक अदालत में अधिक से अधिक राजीनामा योग्य प्रकरणों का करें निराकरण : चीफ जस्टिस  रमेश सिन्हा  *चीफ जस्टिस ने वीसी के जरिए बैठक लेकर लोक अदालत की तैयारी की समीक्षा की*

बिलासपुर। आगामी नेशनल लोक अदालत दिनांक 13 जुलाई की तैयारियों के संबंध में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा, मुख्य संरक्षक  छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षता एवं  न्यायमूर्ति  गौतम भादुड़ी न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण तथा न्यायमूर्ति श्री संजय के० अग्रवाल, न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष, उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति की विशेष उपस्थिति में संयुक्त रूप से छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय से विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से समस्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के प्रधान जिला न्यायाधीश,अध्यक्ष, सचिव, फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश, न्यायाधीश, स्थायी लोक अदालत के चेयरमेन, सीजेएम, लेबर जजों की बैठक लेकर लोक अदालत की तैयारी की समीक्षा की गई।

 बैठक में न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा, मुख्य न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने सभी न्यायाधीशों से आगामी नेशनल लोक अदालत में सिविल, आपराधिक एवं अन्य राजीनामा योग्य प्रकरणों को अधिक से अधिक संख्या में चिन्हांकित कर निराकृत किये जाने के निर्देश दिये। उन्होने न्यायालयों में 5 वर्ष एवं 10 वर्ष से अधिक समय से लंबित राजीनामा योग्य प्रकरणों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताई। बैंक एवं अन्य वित्तीय संस्थाओं, विद्युत वितरण कंपनियों, बीएसएनएल, बीमा कंपनियों एवं अन्य के द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले प्री-लिटिगेशन आवेदनों के पक्षकारों की प्री-सिटिंग कराकर अधिक-से-अधिक प्री-लिटिगेशन मामलों के निराकरण की आवश्यकता बताई ताकि ऐसे मामले न्यायालय में संस्थित होने से पहले ही निराकृत हो जाएं। उन्होने कहा कि पक्षकारों की सहमति से एवं विधि अनुसार अधिक से अधिक राजीनामा योग्य मामलों का निराकरण करने के लिए लोक अदालतों का आयोजन किया जाता है और इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सभी का यथोचित प्रयास करने की अपेक्षा है।

मुख्य न्यायाधिपति ने  उच्चतम न्यायालय में  29 जुलाई 2024 से 03 अगस्त 2024 तक विशेष लोक अदालत के आयोजन की महत्वपूर्ण पहल पर उच्चतम न्यायालय द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य से संबंधित चिन्हांकित प्रकरणों में राजीनामा की संभावनाओं पर राज्य के समस्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा की जा रही कार्यवाहियों की समीक्षा की और समस्त प्रधान जिला न्यायाधीशों को निर्देशित किया कि विशेष रुचि लेकर पक्षकारों को नोटिस तामीली कराकर उनकी प्री-काउसिंलिंग इत्यादि हेतु समुचित कार्यवाही करें और सतत् निगरानी करें।

 वीसी के जरिए आयोजित बैठक में  न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी, न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने  समस्त न्यायाधीशों को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें लोक अदालतों में पूर्ण उत्साह और पूर्ण क्षमता से योगदान देने का आहवान किया। उन्होनें न्यायिक अधिकारियों से टीम वर्क के साथ कार्य करने को कहा ।साथ ही पिछली लोक अदालत में निराकरण हुए प्रकरणों की संख्या को बढ़ाने कहा। बैठक में माननीय  न्यायमूर्ति  संजय के० अग्रवाल, न्यायाधीश, छत्तीसगढ उच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष, उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति ने भी ज्यादा से ज्यादा संख्या में मामलों को चिन्हांकित कर उन्हें विधि अनुसार निराकृत करने पर जोर दिया। अवगत हो कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा), नई दिल्ली के निर्देशानुसार वर्ष 2024 हेतु निर्धारित कैलेण्डर अनुसार आगामी नेशनल लोक अदालत का आयोजन दिनांक 13 जुलाई को किया जा रहा है। यहां यह उल्लेखनीय होगा कि लोक अदालत उच्च न्यायालय से लेकर तहसील न्यायालयों के साथ साथ राजस्व न्यायालयों में भी आयोजित किये जाते हैं।

ब्यूरो रिपोर्ट