महामाया मंदिर रतनपुर को 'प्रसाद' योजनांतर्गत शामिल करने और उन्नयन हेतु विशेष कॉरिडोर बनाने की मांग की।

महामाया मंदिर रतनपुर को 'प्रसाद' योजनांतर्गत शामिल करने और उन्नयन हेतु विशेष कॉरिडोर बनाने की मांग की।

बिलासपुर।आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री  गजेंद्र सिंह शेखावत के समक्ष महामाया मंदिर रतनपुर को 'प्रसाद' योजनांतर्गत शामिल करने और उन्नयन हेतु विशेष कॉरिडोर बनाने की मांग की।

ध्यातव्य को कि छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर जिले के रतनपुर में महामाया मंदिर स्थित है। यह पूरे भारत में फैले 51 शक्तिपीठों में से एक है। जोकि बिलासपुर संसदीय क्षेत्र में आता है। भारत में अनेक सिद्ध मंदिर हैं, जिनमें इन 51 शक्तिपीठों का सदा से ही विशेष धार्मिक महत्व रहा है। वर्तमान में रतनपुर एक छोटा नगर है, जोकि मंदिरों और तालाबों के लिए विख्यात है। यह जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित है। वहां स्थित इस मंदिर का निर्माण राजा रत्नदेव प्रथम द्वारा ग्यारहवीं शताब्दी में कराया गया था। ऐतिहासिक, धार्मिक तथा पर्यटन की दृष्टि से यह देश और प्रदेश के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है। यहां हर वर्ष लगभग 15 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन करने के लिये आते हैं।

वर्तमान बिलासपुर सांसद और आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने जनहित में महामाया मंदिर की महत्ता एवं छत्तीसगढ़ राज्य के करोड़ों लोगों की आस्था का सम्मान करते हुये भारत सरकार की तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन अभियान (प्रसाद) योजना के तहत इस मंदिर के विकास हेतु पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की। इस योजना के तहत महामाया मंदिर का विकास होने से देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी। जिससे स्थानीय लोगों के लिये रोजगार का सृजन होगा।

इस विषय में पर्यटन मंत्री  गजेंद्र सिंह शेखावत ने निश्चित ही सार्थक प्रयास करने का आश्वासन जताया। इस हेतु बिलासपुर सांसद और आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने बिलासपुर की जनता की ओर से उनका आभार जताया।