उल्लास से असाक्षरों के जीवन में आएगा शिक्षा - चतुर्वेदी
पथरिया - साक्षरता मौलिक मानव अधिकार है और इस अधिकार को सभी के लिए सुलभ बनाने का प्रयास करना होगा । जो शिक्षार्थी इस यात्रा पर निकलते हैं वे न केवल पढ़ना और लिखना सीखते हैं बल्कि अपने जीवन, अपनी आजीविका और अपने समुदायों में महत्वपूर्ण बदलाव लाने में भी सक्षम होते हैं अतः उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम को गंभीरता से लेने की जरूरत है उक्त कथन जिला शिक्षा अधिकारी मुंगेली जीआर चतुर्वेदी ने बीआरसी पथरिया में आयोजित उल्लास कार्यक्रम के प्रशिक्षण में कही। ज्ञात हो की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिश के अनुसार 2022 से 2027 के लिए एक केंद्र प्रायोजित कार्यक्रम उल्लास के नाम से शुरू किया है। इस योजना का उद्देश्य 15 वर्ष से अधिक के असाक्षरों को साक्षर बनाना है। आज के प्रशिक्षण में पथरिया विकासखंड के 163 प्राथमिक शालाओं के शिक्षको का प्रशिक्षण सह कार्यशाला आयोजित किया गया था। जिसमे पथरिया विकासखंड के लिए 4000 असाक्षरों को साक्षर बनाने के लिए मिशन मोड पर कार्यक्रम बनाया गया है। राज्य स्तर पर आगामी 17 मार्च को उल्लास कार्यक्रम के तहत परीक्षा का आयोजन किया जाना है उसकी तैयारियों पर भी बातचीत किया गया। कार्यशाला में जीआर चतुर्वेदी डीईओ मुंगेली,एपीसी आकाश परिहार,एबीईओ यतेन्द्र भास्कर, रविपाल राठौर, बीआरसी अशोक यादव,नोडल अधिकारी महेंद्र ठाकुर,गजानन्द सिंगरौल, मोहन कश्यप, बीआरपी प्रिया यादव,जिला कार्यक्रम अधिकारी रामनाथ गुप्ता,मास्टर ट्रेनर अविनाश तिवारी,आपरेटर केशव पटेल,ब्लॉक कार्यक्रम अधिकारी नारायणी कश्यप,टेक्निकल पर्सन अशोक सोनवानी,ईश्वर जायसवाल उपस्थित रहे।