सेंट्रल जेल में गैंगवार,तीन दिन पहले जेल गए हवालाती बंदी पर दुर्गा विसर्जन के दौरान हत्या के आरोपी ने किया हमला
बिलासपुर। सेंट्रल जेल में कल दशहरा की शाम दुर्गा विसर्जन के दौरान हत्या के आरोप में जेल में बंद विचाराधीन बंदी ने दूसरे बंदी पर कटनी से हमला कर दिया। हमले में दूसरा बंदी घायल हो गया है। जिसे जेल प्रशासन ने सेल में डाल दिया है।
बिलासपुर सेंट्रल जेल में वर्चस्व की लड़ाई के चलते गैंग लगातार भिड़ते रहते हैं। इसी कड़ी में कल शनिवार दशहरा की शाम भी कैदियों के बीच भिड़ंत हो गई। सिरगिट्टी थाना के नशीली कफ सिरप के मामले में पुलिस ने नवीन निर्मलकर को तीन दिन पहले जेल भेजा था। नवीन निर्मलकर वहां विचाराधीन बंदी के रूप में जेल काट रहा है। कल शाम दशहरा के दिन वह जेल में बैठी दुर्गा मां के विसर्जन के दौरान प्रणाम कर आशीर्वाद लेने गया था। ज्ञातव्य है कि जेल में प्रतिवर्ष कैदियों के द्वारा दुर्गा बिठाई जाती है। इस वर्ष भी प्रतिवर्ष की भांति दुर्गा बिठाई गई थी। जिसका विसर्जन दशहरा की शाम को हुआ।
यहां जब कैदी नवीन निर्मलकर पहुंचा तो हत्या के मामले में विचाराधीन बंदी के रूप में कैद हत्या के आरोपी लोकेश तिवारी ने पहले से घात लगाकर अचानक कटनी से नवीन पर हमला कर दिया। अचानक हुए हमले से नवीन सम्हल नहीं पाया और हमले में घायल हो गया। हमला होते ही दुर्गा विसर्जन के लिए जमा कैदियों की भीड़ में अफरा–तफरी का माहौल व्याप्त हो गया। भगदड़ देख जेल प्रहरी भी दौड़े आए और दोनों कैदियों को अलग करवाया। पूरी घटना जेल के डी खंड में घटित हुई। वहीं दूसरी तरफ जेल प्रशासन ने हमलावर योगेश तिवारी को सजा देने की बजाय उल्टा घायल कैदी नवीन निर्मलकर को ही सेल में बंद कर दिया। जेल के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नवीन निर्मलकर की सुरक्षा के लिहाज से उसे सेल में अकेले बंद कर दिया गया है।
पुरानी रंजिश में हुआ हमला, दोनों पर है हत्या का मामला दर्ज –
मिली जानकारी के अनुसार जेल में बंद हत्या के आरोपी गणेश तिवारी का केस पार्टनर लोकेश तिवारी है। गणेश तिवारी चुचुहियापारा में पान ठेला संचालक के हत्या के आरोप में जेल में साथियों के साथ बंद है। इसी हत्याकांड में उसका सगा भतीजा लोकेश तिवारी भी उसका केस पार्टनर है। गणेश तिवारी आए दिन जेल में वर्चस्व बनाने की कोशिशें में लगा रहता है। हालांकि इस कोशिश के चलते उसकी पूर्व में भी कई बार पिटाई हो चुकी है। कुछ समय पहले उसने एक कैदी पर हमला करवाने की कोशिश की और दूसरी तरफ से बदले की कार्यवाही करते हुए उसे जमकर पीटा गया था।
हमले में घायल हुआ नवीन निर्मलकर वर्तमान में नशीली दवा के मामले में जेल गया है। पूर्व मे वह भी हत्या के मामले में अपने भाइयों के साथ जेल काट चुका है। बिलासपुर सेंट्रल जेल से उसका तबादला दुर्ग जेल हुआ था। जहां से कुछ समय पहले ही वह बाहर आया है इसके बाद नशीली दवा के कारोबार में उसे एक बार फिर से जेल भेजा गया है। मिली जानकारी के अनुसार लोकेश तिवारी और नवीन निर्मलकर की जेल के बाहर से दुश्मनी चली आ रही है। बताया जाता है कि लोकेश तिवारी ने सिरगिट्टी क्षेत्र में नवीन निर्मलकर के माता-पिता पर हमला किया था। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच विवाद चला आ रहा है। लोकेश तिवारी जब हत्या के मामले में जेल पहुंचा था तो उससे पूर्व से ही उस समय नवीन निर्मलकर जेल में था। तब नवीन निर्मलकर ने जेल आते ही लोकेश तिवारी पर हमला कर दिया था। अब लोकेश तिवारी ने नवीन निर्मलकर के जेल आते ही मौका पाने पर हमला कर दिया।
रसूखदार बंदियों का है सरंक्षण–
मिली जानकारी के अनुसार लोकेश तिवारी वैसे तो हवालाती बंदी है पर वह अपने रसूख के चलते कैदी वार्ड ( वार्ड क्रमांक डी–4) में सुविधाओं के साथ रहता है। उसे विराट अपहरण कांड में सजा काट रहे एक आरोपी का संरक्षण प्राप्त है। विराट अपहरणकांड का उक्त सजायाफ्ता कैदी अन्य साथी कैदी व एक जेल कर्मी के सहयोग से जेल में बंद अन्य कैदियों पर अपनी धाक जमाता रहता है। प्रदेश के एक बड़े नेता का करीबी बता वह जेल कर्मियों पर लगातार अपनी धौंस जमा रहा है।
ब्यूरो रिपोर्ट