सफलता की कहानी :महतारी वंदन योजना महिलाओं के परिश्रम का सम्मान,सिया गढ़ेवाल जैसी लाखों महिलाओं की बदल रही है जिंदगी,आर्थिक मजबूती मिलने से बड़े निर्णय लेने में हो रहीं सक्षम

सफलता की कहानी :महतारी वंदन योजना महिलाओं के परिश्रम का सम्मान,सिया गढ़ेवाल जैसी लाखों महिलाओं की बदल रही है जिंदगी,आर्थिक मजबूती मिलने से बड़े निर्णय लेने में हो रहीं सक्षम

बिलासपुर। एक महिला जब मजबूत होती है तब एक परिवार संवरता है, परिवार के संवरने से समाज और राज्य भी संवरता है। महतारी वंदन योजना छत्तीसगढ़ की महिलाओं के सम्मान और मजबूती का प्रतीक है। छत्तीसगढ़ सरकार ने भी महतारी वंदन योजना के जरिए प्रदेश की लाखों महिलाओं का मान-सम्मान बढ़ाया है।


    योजना के तहत नियमित रूप से मिलने वाली राशि ने महिलाओं को हिम्मत दी है कि वे कुछ बड़ा निवेश कर सकें या बड़े निर्णय ले सकें। अब वे घर के खर्चो के लिए किसी पर निर्भर नहीं हैं। ऐसी ही कहानी कोनी में रहने वाली सिया गढ़ेवाल की है। उनके पति दुकालू गढ़ेवाल रोजी-मजदूरी करते हैं। वे स्वयं कोनी स्थित शासकीय स्कूल में रसोईया का काम करती हैं। जहां उन्हें बमुश्किल दो हजार की आमदनी होती है। पहले केवल 1500 रूपए ही मिलते थे, अभी कुछ समय पहले ही यह राशि बढ़ी है। स्कूल बंद होने से अभी यह रकम भी नहीं मिल रही है ऐसे समय में महतारी वंदन योजना से मिलने वाली राशि उनके लिए बड़ा सहारा है। इससे उन्हंे घर के रोजमर्रा के खर्चों में और राशन में बड़ी मदद मिल रही है। वे कहती हैं कि अभी जब आवक नहीं हो रही है तब इस राशि से बड़ी राहत मिली है। गढ़ेवाल के तीन बेटे और एक बेटी हैं। बेटी अभी ग्रेजुएशन कर रही हैं। तीनों बेटे भी अपना छोटा-मोटा काम धंधा कर रहे हैं। श्रीमती गढ़ेवाल ने बताया कि महतारी वंदन योजना की जानकारी मिलने पर उन्होंने आवेदन किया और अब नियमित रूप से उन्हें हर माह राशि मिल रही है। 
  श्रीमती गढ़ेवाल सरकार को धन्यवाद देते हुए कहती हैं कि छत्तीसगढ़ सरकार ने हमारी सुध ली है और महतारी वंदन योजना के जरिए हमारे श्रम का सम्मान किया है। सरकार ने नाम भी कितना अच्छा रखा है महतारी वंदन, यह हमारे परिश्रम का सम्मान है।

ब्यूरो रिपोर्ट