*बिलासपुर में वक्फ बोर्ड अध्यक्ष सलीम राज का बड़ा बयान! कहा तीन महीने के अंदर अगर वक्फ के किराएदारों ने नया एग्रीमेंट नहीं किया तो बेदखली की कार्रवाई की जाएगी* वक्फ संपत्तियों पर काबिज लोगों के खिलाफ की जाएगी कार्यवाही,,कलेक्टरों को लिखा गया है पत्र.

*बिलासपुर में वक्फ बोर्ड अध्यक्ष सलीम राज का बड़ा बयान! कहा तीन महीने के अंदर अगर वक्फ के किराएदारों ने नया एग्रीमेंट नहीं किया तो बेदखली की कार्रवाई की जाएगी* वक्फ संपत्तियों पर काबिज लोगों के खिलाफ की जाएगी कार्यवाही,,कलेक्टरों को लिखा गया है पत्र.

बिलासपुर।  वक्फ बोर्ड के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सलीम राज वक्फ की संपत्तियों के अवलोकन,मुतवल्लियों से चर्चा,सहित अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने शनिवार को बिलासपुर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने बिलासपुर प्रेस क्लब में पत्रकारों से कई अहम मुद्दों पर चर्चा भी की।  डॉ. सलीम ने बताया कि छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश में वक्फ की संपत्तियों पर बड़े पैमाने पर लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है।  इन कब्जों की वजह से मुस्लिम समाज की आर्थिक स्थिति पर सीधा असर पड़ा है। श्री राज ने कहा कि 3 महीने के अंदर वक्फ जमीन के किराएदार अगर अपना एग्रीमेंट नया नहीं कारए तो उनके खिलाफ बेदखली की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने साफ किया कि वक्फ बोर्ड एक प्रशासनिक संस्था है, न कि धार्मिक संस्था... इसका उद्देश्य समाज के हितों की रक्षा करना है, इससे किसी मुसलमान को नुकसान नहीं है। बिलासपुर में वक्फ बोर्ड की करीब 1400 संपत्तियां मौजूद हैं,जिनमें से कई पर लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। वक्फ बोर्ड अब इन मामलों पर सख्ती करने जा रहा है और जल्द ही 300 से अधिक लोगों को नोटिस जारी किए जाएंगे। डॉ. सलीम राज ने यह भी बताया कि बिलासपुर में वक्फ की एक संपत्ति में पीपीपी मॉडल पर 100 बेड का अस्पताल शुरू किया जाएगा,जिससे परेशान हाल सभी को बड़ी राहत मिलेगी।

धर्मांतरण के मुद्दे पर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि देश भर में ईसाई मिशनरी ही धर्मांतरण करवा रहे हैं। लव जिहाद पर उन्होंने कहा... लव और जिहाद दोनों अलग-अलग शब्द हैं... लव का मतलब प्रेम होता है और जिहाद का मतलब लड़ाई... जहां प्रेम है वहां लड़ाई हो ही नहीं सकती।
कांग्रेस पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, “कांग्रेस मुसलमानों को बिरयानी में तेज पत्ते की तरह इस्तेमाल करती है। अपने फायदे के लिए उनका उपयोग करते हैं काम निकलने के बाद निकाल फेंकती है।

 उन्होंने कहा कि निकाह के दौरान जो भी मौलाना 1100 से ज्यादा निकाह की राशि लेगा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस्लाम धर्म में कहीं भी तीन शादी का जिक्र नहीं होने की बात उन्होंने कही है उन्होंने काफिर और जिहाद में भी अंतर बताया। मस्जिदों के मुतवल्ली जो कानून का पालन नहीं करेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में उन्होंने बताया कि इसी तरह की बिलासपुर की दो मस्जिदों के खिलाफ शिकायत आई है जिस पर कार्रवाई हो रही है।उन्होंने वक्फ बोर्ड का मुख्य उदृदेश बताते हुए कहा कि सभी वर्ग के गरीब असहाय लोगों को इसका लाभ मिल सके। समाज की गरीब असहाय महिलाओं के उत्थान, समाज के बच्चों की शिक्षा, बेरोजगार के लिए रोजगार की व्यवस्था इसके जरिए किया जाना चाहिये।परन्तु आज ऐसा नहीं है। 
पूर देश में 8 लाख 72 हजार पंजीकृत वक्फ सम्पत्तियां है जिसकी वार्षिक आय केवल 163 करोड रूपये प्राप्त होती है जबकि सच्चर कमेटी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार इन वक्फ सम्पत्ति से वार्षिक आय 12 हजार करोड रूपये होना था। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट जो कांग्रेस के यूपीए शासन में सौंपी गई थी जिसे (कांग्रेस) यूपीए "शासन ने स्वीकार किया था उसका रिकमंडेशन यह था कि वक्फ बोर्ड के संरचना में बदलाव होना जरूरी है जिसमें 02 महिला सदस्य, व अन्य की सहभागिता बढ़नी चाहिये। वक्फ की आय से महिलाओं एवं बच्चों के उत्थान के लिए सबसे पहले प्राथमिकता देनी चाहिये । 
वक्फ बोर्ड का सारा ध्यान केवल एक ही बात पर केन्द्रित था कि वक्फ संस्था का मुतवल्ली किसे बनाया जाये और केसे हटाना है। वक्फ से सम्बधित जो दस्तावेज हैं उसको प्रॉपर तरीके से रखे जाने का प्रावधान भी वक्फ बोर्ड में नहीं था। जो नया वक्फ बिल आया है जिसमें सेंट्रल पोर्टल में सभी वक्फ सम्पत्तियों के रिकॉर्ड को ऑनलाईन करने का कार्य होगा जो स्वागत योग्य है। जे.पी.सी का परामर्श था कि, समस्त वक्फ बोर्ड को कम्यूटराईज करना चाहिये डेटाबेस को ऑनलाईन करना चाहिये, वक्फ सम्पत्तियों को राजस्व अभिलेखों में वक्फ के नाम से दर्ज कराया जाना चाहिये जिससे वक्फ सम्पत्ति की अवैध बिक्री, अफरा-तफरी पर लगाम लगे, वक्फ सम्पत्ति सुरक्षित हो सके। यह सभी सजेशन कांग्रेस की यूपीए शासन के समय सच्चर कमेटी और जेपीसी के द्वारा दिया गया था जिसे नये वक्फ संशोधन बिल में नरेन्द्र मोदी की भाजपा सरकार ने शामिल किया है। 
बोहरा, शिया, आगाखानी समुदाय की बातों को भी सुना जाना चाहिये इसीलिए इस समुदाय को नये संशोधन बिल में शामिल किया गया है जो स्वागत योग्य है। 
अध्यक्ष ने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में 5732 वक्फ सम्पत्तियां हैं जजिसकी अनुमानित कीमत 6000 करोड़ रूपये हैं। परंतु छत्तीसगढ प्रदेश में लगभग रकबा 6514 में एक भी ऐसा स्कूल, कॉलेज,गर्ल्स हॉस्टल, हॉस्पीटल नहीं बन पाया जिसका लाभ समाज के पसमांदा लोगों को मिल सके। 
देश में पिछले केवल 01 साल में 194 शिकायतें वक्फ सम्पत्तियों पर अतिक्रमण और अवैध बिक्री / नामांतरण की प्राप्त हुई हैं। छ.ग.राज्य वक्फ बोर्ड द्वारा वक्फ सम्पत्तियों पर अवैध रूप से काबिज लगभग 431 से अधिक लोगों को नोटिस जारी किया जा चुका है। 
नये संशोधन बिल आने के बाद छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड द्वारा आगामी 06 माह के भीतर वक्फ की भूमि पर रायपुर में 01 गर्ल्स हॉस्टल, 01 ब्वॉयज हॉस्टल / मॉडर्न जिम/ लाईब्रेरी तैयार करने का कार्य किया जायेगा। धमतरी में 01 हॉस्पीटल निर्माण का कार्य प्रारंभ है ! इसके साथ ही वक्फ की सम्पत्तियों को नये वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के प्रावधानों के अनुसार बाजार मूल्य पर लीज पर दिया जायेगा। इससे प्राप्त होने वाली आय से पसमांदा समाज के लोगों के उत्थान के लिए कार्य किया जायेगा । जो वक्फ सम्पत्तियां पिछली सरकारों में अवैध रूप से बिक्री और नांमांतरण की गई है उनके नामांतरण और रजिस्ट्री को शून्य करने के लिए जिला कलेक्टरों को भी पत्र लिखा गया है। पत्रकार वार्ता के दौरान वक्फ बोर्ड के सीईओ एस ए फारूकी,हज कमेटी के सदस्य सैय्यद मकबूल अली, भाजपा नेता राकेश तिवारी,संजय मुरारका, फैजान अली सहित मुस्लिम समाज के तमाम जिम्मेदार और प्रतिनिधि मौजूद रहे।

ब्यूरो रिपोर्ट