आरक्षक बर्खास्त: शराब की तस्करी करवाने के मामले बिलासपुर एसपी का बड़ा एक्शन,बीते दिनों दो आरोपियो से ५बोरियों में आरक्षक की कार से देशी शराब किया गया था जप्त
बिलासपुर। बीते दिनों मोपका पुलिस चौकी और सरकंडा थाने की संयुक्त कार्यवाही में सरकण्डा़ क्षेत्रान्तर्गत पुलिस सहायता केन्द्र प्रभारी द्वारा मोपका चौक में एक कार में भारी मात्रा में अवैध शराब परिवहन करते हुये पकड़ा गया था। प्रकरण के आरोपी नवीन बोले उर्फ भज्जी, दयालबंद एवं बलराम यादव, टिकरापारा, बिलासपुर के कब्जे से पर 05 बोरियों में 480 पाव देशी मदिरा कुल 86.400 लीटर अवैध शराब एवं परिवहन में प्रयुक्त कार जप्त किया गया था। इस शराब की तस्करी में सकरी थाने में पदस्थ एक आरक्षक की भूमिका सामने आई थी।इस घटना के बाद से ही आरक्षक फरार है। शराब की तस्करी में गाड़ी की तलाशी लेने पर वाहन में खाकी वर्दी, आरक्षक नीलकमल सिंह राजपूत का एस.बी.आई खाता व चेक बुक, परिचय पत्र आदि पुलीस को मिला था। आरक्षक नीलकमल राजपूत की आपराधिक संलिप्तता पर पुलिस अधीक्षक, बिलासपुर द्वारा सख्त कार्यवाही करते हुये तत्काल निलंबित कर नगर पुलिस अधीक्षक, सरकण्डा को जांच के निर्देश दिये गये। आरोपियों ने बताया कि उक्त शराब पुलिस वाले नीलकमल राजपूत के द्वारा रू. 45,000/- देकर मंगवाया गया है। इस प्रकार आरक्षक के द्वारा पुलिस की पहचान रखकर पुलिस की नौकरी की आड़ में भारी मात्रा में अवैध मदिरा की तस्करी करने जैसी आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता उजागर हुई। पुलिस आरक्षक के द्वारा पद का दुरूपयोग करते हुये इस तरह का आपराधिक कृत्य करना किया। मामले में यह भी देखा गया है कि घटना की रात्रि अवैध मदिरा पकड़े जाने पर आरक्षक नीलकमल राजपूत अपनी पदस्थापना थाना सकरी से बिना किसी प्रकार की सूचना दिये फरार हो गया। इससे भी आरक्षक की आपराधिक संलिप्तता को बल मिलता है।
आरक्षक अपने धारित पद का दुरूपयोग करते हुये पुनः ऐसी घटना की पुनरावृत्ति कर सकता है।इस पर रजनेश सिंह, पुलिस अधीक्षक, बिलासपुर द्वारा भारतीय संविधान की विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुये अपराध में संलिप्त आरक्षक नीलकमल सिंह राजपूत को सेवा से पद्च्यूत कर दिया गया है। पूर्व में भी इस तरह की आपराधिक संलिप्ता पर बिलासपुर पुलिस बल के एक आरक्षक को सेवा से पद्यूत किया जा चुका है। पुलिस अधीक्षक द्वारा निर्देशित किया गया है कि पुलिस विभाग का मुख्य कार्य अपराध एवं अपराधियों पर नियंत्रण रखकर आमजन को भय मुक्त वातावरण प्रदान करते हुये शांति एवं कानून व्यवस्था सुनिश्चित करना है। किन्तु पुलिस कर्मियों की इस तरह की आपराधिक गतिविधियॉं क्षम्य नहीं हैं एवं उन पर सख्त कार्यवाही की जावेगी।
ब्यूरो रिपोर्ट