रामलाल की मूर्ति स्थापना में चारों शंकराचार्य की बाते माननी चाहिए थी- लक्ष्मण त्रिपाठी

रामलाल की मूर्ति स्थापना में चारों शंकराचार्य की बाते माननी चाहिए थी- लक्ष्मण त्रिपाठी

बिलासपुर। चुनाव आयोग में अभी हाल ही में राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत किए गए एकम सनातन भारत दल के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण त्रिपाठी का मानना है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और रामलला की मूर्ति स्थापित किए जाने के मामले में देश के चारों शंकराचार्य द्वारा कही गई बातों को मानना चाहिए था। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी खड़ा करेगी,जिसके लिए शीघ्र ही घोषणा पत्र जारी किया जाएगा ।उनकी पार्टी देश में सनातन धर्म की रक्षा के लिए आगे आएगी।

पत्रकारों से चर्चा करते हुए लक्ष्मण त्रिपाठी और उनके पदाधिकारियों का कहना था कि उनकी पार्टी "एकम सनातन भारत दल" भारतीय जनता पार्टी के अनुषंगिक दलों में से कोई संबंध नहीं रखता और नहीं किसी राजनीतिक पार्टी से उनका संबंध है।उनकी पार्टी सात संकल्प लेकर सनातन धर्म के पक्ष में पूरे देश में माहौल पैदा करेगी।सात संकल्प के बारे में उनका कहना था कि एकम सनातन भारत दल संविधान में संशोधन कर भारत की राज्य सत्ता को संवैधानिक तौर पर बाध्य करेगा कि वह भारत का सनातन बाहुल्य चरित्र सदा सदा के लिए सुनिश्चित एवं संरक्षित करें, हिंदू नरसंहार एवं जनसंख्या की परिवर्तन (भूमि जिहाद अथवा अन्य साधनों से भारत की राजसत्ता के विरुद्ध किए गए अपराध माने जाएंगे जिनको लेकर मृत्यु दंड का प्रावधान कानून द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा। संविधान में संशोधन कर केवल 5% से कम जनसंख्या वाले समुदाय को ही अल्पसंख्यक का दर्जा देना साथ ही भारत को विश्व के सभी सनातन धर्मियों का नैसर्गिक राष्ट्र घोषित कर उनके लिए नागरिकता का मार्ग खोलने ,मंदिरों और मठों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करवाना ,मंदिरों में भगवान के अधिकार को सर्वोच्च रखना ,कश्मीर स्थित भगवान भास्कर के प्राचीन मार्तंड सूर्य मंदिर ,मथुरा के श्री कृष्ण जन्मभूमि और काशी के ज्ञानवापी तीर्थ क्षेत्र की पुनर्स्थापना करना, समस्त हिमालय राज्यों का सनातनी स्वरूप को अक्षुण्य रखने तथा जम्मू एंड कश्मीर का पुनर्गठन कर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट कर  हिंदू बहुल जम्मू संभाग को स्वतंत्र राज्य  बनाना ,गौ हत्या पर संपूर्ण प्रतिबंध लगाकर गाय, गंगा और रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करना, संविधान की प्रस्तावना में अवैध रूप से जोड़े गए सेकुलर और समाजवाद को हटाकर राम राज्य की स्थापना का लक्ष्य रखना, वक्फ एवम सच्चर कमेटी के क्रियान्वयन को तत्काल प्रभाव से निरस्त करना, संविधान के अनुच्छेद 30 को संशोधित कर हिंदुओं को भी अपने स्वायत्त शिक्षण संस्थान स्थापित करने एवं संचालित करने का मौलिक अधिकार देना ,समीक्षा कर सनातन संस्कृति एवं सभ्यता को हानि पहुंचाने वाले अनुच्छेद कानून एवं धाराओं को निरस्त करना ,लव जिहाद और धर्मांतरण पर पूरी तरह से रोक लगाना तथा केवल विकास नहीं आध्यात्मिक संस्कृति सही इतिहास सामाजिक मूल्य क्षेत्रीय भाषा और पर्यावरण के साथ संपूर्ण विकास भारतीय सेवा के परंपरागत ढांचे को अक्षुण्य रखना और सेवा एवं पुलिस का सशक्तिकरण व आधुनिकरण करते हुए सैनिकों पूर्व सैनिकों एवं उनके परिवारों को उचित सम्मान दिलाना एकम सनातन भारत दल का मुख्य संकल्प है।

ब्यूरो रिपोर्ट