*कोई हसीन ख्वाब लेकर आ मेरे दिल मे*

*कोई हसीन ख्वाब लेकर आ मेरे दिल मे*

मेरे दिल में.....

कोई हसीन ख्वाब लेकर आ मेरे दिल में
बिना बुलाए बस जा, मेरे दिल में
मैं करीब ही तो हूं कहीं तेरे दिल में.....
एक हसीन ख्वाब लेकर बस जा मेरे दिल में

मुझे किसी मंजिल की जरूरत नहीं
तेरे जाने के बाद, मेरे दिल में
एक भोली सुरत बनकर आ जाओ.....
एक हसीन ख्वाब लेकर बस जा मेरे दिल में

कोई आंखों से पुकारती है समां कर मेरे दिल में
कोई छिपकर चोरी से देखती है मेरे दिल में
प्लीज तुम भी आ जाओ न .....
एक हसीन ख्वाब लेकर बस जा मेरे दिल में

(हुलेश्वर जोशी, कंगोली-जगदलपुर)
सोमवार, अप्रेल 18/2011 की रचना 


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