बिलासपुर- भाद्रपद की कृष्ण पक्ष षष्टी को मनाया जाने वाला हलछट- खमरछठ का पर्व रविवार को नगर सहित आस पास के गांवों में श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस धार्मिक पर्व पर क्षेत्र की महिलाओं ने निर्जल व्रत कर माता पार्वती की विधि विधान से पूजा अर्चना की।
पूजन सामग्री की हुई खरीदारी-
हलषष्ठी की तैयारी को लेकर शनिवार और रविवार की सुबह भी महिलाओं ने खरीदारी की। वैसे कोरोना वायरस के चलते लोग घरों से कम निकले। नगर के बंधवापारा, बजरंग पारा, शांति नगर, ब्राह्मण पारा, कुम्हार पारा ,स्कूल पारा, साहू पारा, सदर बाजार, आसमा कालोनी, नेचर सिटी, आदि जगहों में मंदिरों के आसपास एवं सड़क किनारे कासा सहित पूजा सामग्री की दुकानें लगी रही। महिलाओं ने इसकी खरीदारी की।
महिलाओं ने पूजा-अर्चना कर संतान की लंबी आयु की कामना-
हलषष्ठी- खमरछठ पर्व पर सकरी क्षेत्र सहित आस- पास के गांवों में भी महिलाओं ने माथा टेक विधि विधान से पूजा-अर्चना की और संतान की लंबी आयु की कामना की। महिलाओं ने भजन-कीर्तन भी किया। महिलाओं ने पसाई के चावल बनाकर अपने व्रत को पूरा किया। इस व्रत में महिलाओं ने हल से उगाए जाने वाले अनाज को खाया। पूजन सामग्री के रूप में महिलाओं ने कांस के फूल, महुआ की पत्तियों सहित सात प्रकार के अनाज जौ, गेहूं, मक्का, ज्वार, बाजरा, महुआ , चना सहित आदि को पलाश के पत्तों के दोने में रखकर भोग लगाया।
इसी प्रकार सकरी के समीपस्थ ग्राम हांफा में महिलाओं ने अपने घरों में जमीन पर छोटा तालाब भी बनाया। इसमें कुश महुआ की एक शाखा को हलषष्ठी (खमरछठ) के प्रतीक के रूप में लगाकर सुबह उसका पूजन किया और परिवार की समृद्धि और पुत्र के सुखमय जीवन के लिए महिलाओं ने रविवार को हलषष्ठी -खमरछठ का व्रत रखकर पूजन किया। मिट्टी की देउर पर कुश गाड़कर उस पर तिन्नी का चावल तथा भैस के दूध दही और महुआ का भोग हलषष्ठी माता पार्वती को लगाया गया। नगर व गांवो में हलषष्ठी- खमरछठ पर्व की धूम-
समूह में एकत्रित महिलाओं ने हलषष्ठी माता पार्वती से सम्बंधित कहानियों को सुनाते हुए पूजन किया तथा परिवार की समृद्धि और बढ़ोत्तरी की कामना पूर्ति हेतु प्रार्थना की। मान्यता है कि इस व्रत में भूमि में उगने वाले किसी भी पदार्थ का उपयोग पूजन या पारण में नहीं किया जाता हैं। वहीं दूसरी तरफ नगर व गांवो के मोहल्ले में भी हलषष्ठी -खमरछठ में पार्वती माता का पर्व महिलाओं द्वारा धूमधाम से मनाया गया। महिलाओं ने अपने आंगन पर ही पार्वती माता का अरघा बनाकर विधि विधान से पूजा अर्चना किया और अपने पुत्रों की दीर्घायु के लिए कामना की।
ब्यूरो रिपोर्ट
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