*कुनकुनी जमीन घोटाला उजागर करने वाले पत्रकार दंपति को झूठे प्रकरण में फंसाकर चरित्र हनन की साजिश घोर निंदनीय-हेम सिंह राठिया*

फाइल फोटो,
रायगढ-खरसिया:-कहते है लोग स्वयं तो किसी की सहायता कर नही सकते लेकिन जो लोग छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों आदिवासी समाज सहित शोषित एवं पीड़ितों की आवाज बनकर निःस्वार्थ तरीके से लगातार लोगों की बीच उन्हें न्याय एवँ अधिकार दिलाने का कार्य करते हैं। ऐसे पत्रकार परिवार भूपेन्द्र किशोर वैष्णव एवं आरती वैष्णव को बदनाम कर चरित्र हत्या की साजिश रसूखदारों एवं भूमाफियाओं के इशारे में किया जा रहा है जो कामयाब नही हो पायेगा। प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से मीडिया को जानकारी देते हुए श्री राठिया ने बताया कि पहली बार* *खरसिया क्षेत्र में आदिवासी समुदाय के छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े भूमि घोटाला कुनकुनी 300 एकड़ जमीन घोटाला की जानकारी तत्तकालीन आईएएस अधिकारी गौरव सिंह को मुरा में आयोजित लोक सुराज कैम्प में खरसिया के वर्तमान मंत्री तात्कालिक विधायक उमेश पटेल के समक्ष पूर्व जनपद अध्यक्ष आदिवासी नेता स्वयं मेरे द्वारा लिखित आवेदन देकर 2014 में मांग किया गया था। उनके द्वारा जांच एवं कार्यवाही का भरोसा भी दिया गया था । तब से लेकर आज 30 अप्रैल 2020 तक लगातार उक्त जमीन घोटाले की आवाज खरसिया विधानसभा के ग्राम कुनकुनी से लेकर दिल्ली अजजा आयोग एवं राज्य सभा तक पहुचाने वाले तथा लगातार 6 वर्षों से प्रभावित ग्रामीण आदिवासियों को खरसिया तहसील में 170 ख़ के,प्रकरण से लेकर जिला न्यायालय एवं छत्तिसगढ़ उच्च न्यायालय साथ ही राज्य अजजा एवं राष्ट्रीय अजजा आयोग तक दबे कुचले ग्रामीणों की आवाज बुलंद करते हुए भूमाफियाओं सहित अनेक रसूखदारों एवं भ्रस्ट अधिकारियों की बोलती बंद करने वाले बेबाक पत्रकार कलमकार एवं अधिवक्ता भूपेन्द्र किशोर वैष्णव एवं श्रीमती आरती वैष्णव सामाजिक कार्यकर्ता एवं नशाबंदी सहित महिला प्रताड़ना के एवं दलित पीड़ितों की सहायता के लिए ततपर रहने वाली निर्भीक महिला के चरित्र हनन का प्रयास लगातार भूमाफियाओं एवं रसूखदारों के द्वारा किया जा रहा है।
श्री राठिया ने बताया कि 8 अप्रैल 2019 को खरसिया विधानसभा के बरगढ़ खोला अंचल के गोरपार से लेकर कुनकुनी तक लगभग 45 किलोमीटर तक मूल निवासी जनजागरण पद यात्रा के माध्यम से जागरूकता फैलाते हुए 45 किलोमीटर की यात्रा को बिना कोई स्वार्थ के विभिन्न अखबारों,चैनलों में कवरेज करते हुए कुनकुनी में लगभग 6 माह तक चले क्रमिक भूख हड़ताल अनशन को लगातार निःशुल्क एवं निस्वार्थ भाव से कवरेज करने वाले बड़े बड़े रसूखदारों के द्वारा किये गए घोटालों पर जब स्थानीय विधायक एवं सांसदों के द्वारा मौन धारण कर लिया गया था। उस परिस्थितियों में लगतार एसडीएम न्यायालय से लेकर दिल्ली तक आवाज बुलंद करने वाले छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के माध्यम से 300 एकड़ कुनकुनी आदिवासी जमीन घोटाला के प्रभावित किसानों को उनकी जमीन वापसी की कानूनी कार्यवाही को अंजाम तक पहुंचाने महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पत्रकार परिवार को जब देश एवं पूरा विश्व वैश्विक महामारी कोरोना से जूझ रहा है तो ऐसे वक्त पर एक जुआड़ी एवं शराब माफियाओं सहित किसी ऊपर वाले के ईशारे पर झूठा काल्पनिक उगाही एवं भयादोहन का झूठा आरोप लगाकर एवं आनन फानन में बिना जांच के अपने ऊपर वाले को खुश करने की नीयत से परेशान एवं प्रताड़ित किया जा रहा है।जो पूरी तरह से कपोल कल्पित है जब 100 करोड़ से ज्यादा के भूमि घोटाला मामले में यह परिवार कभी नही झुका जबकि माफियाओं के ईशारे पर उक्त पत्रकार परिवार के विरुद्ध पूर्व में भी झूठा लूटपाट एवं अन्य संगीन धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध कर भरी बरसात में पत्रकार परिवार को गिरफ्तार कर उनके घर को ढहा दिया गया था फिर भी उनके द्वारा उक्त घोटाले के सूत्रधार से लाखों रुपयों के ऑफर को ठुकरा के आदिवासी किसानों को न्याय दिलाने का बीड़ा उठाने वाले पत्रकार दम्पत्ती पर भयादोहन कर उगाही का काल्पनिक आरोप लगा कर उक्त पत्रकार परिवार की चरित्र हत्या की साजिश कर अपने ऊपर के व्यक्ति को खुश करने का प्रयास किया जा रहा है जो कि घोर निंदनीय है। खरसिया विधानसभा के हजारों आदिवासी परिवार निर्दोष निष्पक्ष वैष्णव पत्रकार दम्पत्ति के साथ खड़ा है। हम रायगढ़ पुलिस अधिक्षक एवं कलेक्टर से निवेदन करता हूँ कि उक्त मामले की निष्पक्ष जांच करते हुए पत्रकार दम्पत्ति को न्याय दिलाने आगे आये। ताकि आदिवासी समुदाय को अधिकार दिलाने लगातार संघर्षरत वैष्णव दम्पत्ति पर दर्ज झूठे मामले को समाप्त किये जाने की मांग की है।
ब्यूरो रिपोर्टर
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